नई दिल्ली: डायबिटीज़, जिसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है, आज की तारीख में एक बहुत ही सामान्य और गंभीर बीमारी बन चुकी है। इस बीमारी में मरीज़ के शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका मुख्य कारण इंसुलिन हार्मोन का सही तरीके से कार्य न करना होता […]
नई दिल्ली: डायबिटीज़, जिसे मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है, आज की तारीख में एक बहुत ही सामान्य और गंभीर बीमारी बन चुकी है। इस बीमारी में मरीज़ के शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका मुख्य कारण इंसुलिन हार्मोन का सही तरीके से कार्य न करना होता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, विशेषकर वे खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। आटे की बनी रोटियां भारतीय भोजन का मुख्य अंग होती हैं। इसलिए, यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि कौनसे आटे की बनी रोटियां डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होती हैं।
जौ का आटा डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अत्यंत फायदेमंद माना जाता है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील फाइबर दोनों ही होते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। जौ का आटा पाचन तंत्र को भी सुधारता है और इसके नियमित सेवन से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है।
रागी, जिसे नाचनी या मडुआ भी कहा जाता है, एक अत्यधिक पौष्टिक अनाज है। रागी का आटा डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अत्यंत लाभकारी है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसका मतलब है कि रागी का आटा धीरे-धीरे ग्लूकोज़ को रिलीज़ करता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में अचानक बढ़ोतरी नहीं होती।
बाजरा एक और अच्छा विकल्प है डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है जो इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। बाजरे का आटा ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक होता है और यह वजन नियंत्रण में भी सहायक होता है।
सोयाबीन का आटा प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अत्यंत फायदेमंद हो सकता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है और यह शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
कुट्टू का आटा, जिसे बकव्हीट के नाम से भी जाना जाता है, ग्लूटेन मुक्त होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है और इसमें फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है।
गेहूं और जौ के आटे का मिश्रण एक और अच्छा विकल्प हो सकता है। यह मिश्रण फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसका सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करता है और इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है।
डायबिटीज़ के मरीज़ों को आटे का चयन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. ग्लाइसेमिक इंडेक्स: हमेशा उन आटों का चयन करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो।
2. फाइबर की मात्रा: उच्च फाइबर वाले आटे का चयन करें क्योंकि यह पाचन तंत्र को सुधारता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
3. प्रसंस्कृत आटे से बचें: सफेद आटा और अन्य प्रसंस्कृत आटे का सेवन कम करें क्योंकि इनमें फाइबर कम होता है और यह जल्दी से ग्लूकोज़ को रिलीज़ करते हैं।
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