नई दिल्ली: डायबिटीज एक गंभीर और लगातार बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है, जिससे न केवल रक्त शर्करा के स्तर में अनियंत्रण होता है, बल्कि यह शरीर के विभिन्न अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। खासतौर पर पैरों में इंफेक्शन और अन्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है। क्या इसका कारण डायबिटीज के मरीज़ों में […]
नई दिल्ली: डायबिटीज एक गंभीर और लगातार बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है, जिससे न केवल रक्त शर्करा के स्तर में अनियंत्रण होता है, बल्कि यह शरीर के विभिन्न अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। खासतौर पर पैरों में इंफेक्शन और अन्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मरीज़ों में पैरों में संक्रमण होने के मुख्य कारणों में नर्व डैमेज (डायबिटिक न्यूरोपैथी) और ब्लड सर्कुलेशन में कमी शामिल हैं। नर्व डैमेज होने से पैरों में संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे चोट और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, ब्लड सर्कुलेशन में कमी से घाव जल्दी नहीं भरते और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज़ के मरीजों में पैरों में इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है, जो गंभीर स्थिति में पैर या पैर के हिस्सों के विच्छेदन तक पहुँच सकता है। डायबिटीज न्यूरोपैथी और पेरिफेरल आर्टरी डिज़ीज़ के कारण पैरों में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे घाव ठीक होने में देरी होती है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
1. दर्द, झुनझुनी, जलन और सुन्नपन
2. पैरों की त्वचा का कला पड़ना और सूजन
3. छाले और घाव जो जल्दी नहीं भरते
4. अल्सर और गैंग्रीन का विकास
1. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें: नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कर उसे सामान्य स्तर पर बनाए रखना आवश्यक है।
2. पैरों की नियमित सफाई: हर दिन पैर धोकर उन्हें अच्छी तरह सुखाएं।
3. संतुलित आहार और व्यायाम: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।
4. आरामदायक फुटवियर: सही फिटिंग वाले और आरामदायक जूते पहनें, और नंगे पैर चलने से बचें।
5. संवेदनशीलता की जांच: नियमित रूप से पैरों की जांच कर किसी भी प्रकार के संक्रमण या चोट का तुरंत इलाज कराएं।
अगर पैरों में घाव या अल्सर दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर ब्लड शुगर के स्तर की जांच करेंगे और घाव की स्थिति के अनुसार उपचार देंगे। प्रारंभिक चरण में ही उचित देखभाल करने से संक्रमण और गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए पैरों का उचित ध्यान रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि किसी भी लापरवाही से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनसे बचना संभव है यदि समय पर और सही देखभाल की जाए। विशेषज्ञों के अनुसार, पैरों की देखभाल में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना, हर दिन पैर धोना और उन्हें सुखाना, और फंगल इंफेक्शन की जांच करना शामिल है। इतना ही नहीं डायबिटीज रोगियों को मानसून के दौरान खास सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि नमी और गंदगी से पैरों में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए पैरों को साफ और सूखा रखना और आरामदायक जूते पहनना महत्वपूर्ण है।
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