नई दिल्ली: Diabetes Diet Tips: मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी के होने के प्रमुख दो कारण होते हैं पहला ये अनुवाशिंक भी होती है और दूसरा खराब जीवनशैली। मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ऐसा इसीलिए क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम। कहा जाता है डायबिचटीज में एक सही डाइट के साथ कुछ जड़ी बूटियों और मसालों का सेवन करें तो, ये हमारे लिए तेजी से ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायता करता है। इसके अलावा ये डायबिटीज में और भी कई तरीकों से फायदेमंद हैं। तो, आइए जानते हैं क्या हैं ये हर्ब्स और मसाले और कैसे इनका सेवन करना चाहिए।
आपको बता दें, दालचीनी में बायोएक्टिव घटक होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। ये खास कर डायबिटीज टाइप 2 से पीड़ित लोगों के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा एक ग्राम पिसी हुई दालचीनी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को लगभग 18% और ब्लड शुगर के स्तर को 24% तक कम किया जा सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को इसे खाने में शामिल करना फायदेमंद साबित होता है। दालचीनी का रोज सेवन करने से लिवर हेल्दी रहता है।
हल्दी के बहुत सारे फायदे होते हैं, ये हमेशा से ही इम्यूनिटी बूस्टर हर्ब माना जाता है। हल्दी की खास बात ये है कि इसमें एक केमिकल करक्यूमिन मौजूद होता है। हल्दी का सबसे ज्यादा फायदा डायबिटीज के मरीजों को मिलता है। डायबिटीज के मरीज अगर हल्दी का सेवन करते हैं तो उनका ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। हल्दी का सेवन करने से शुगर के लेवल को अचानक से बढ़ने से रोका जा सकता है। साथ ही इसके कुछ फाइटोकैमिकल्स डायबिटीज के मरीजों को दिल की बीमारियों से बचाने में भी सहायता करता है। डायबिटीज के कारण होने वाले नुकसानों से बचाने के लिए भी हल्दी लाभदायक होती हैं। हल्दी का सेवन दूध, चाय में मिलाकर कर सकते हैं।
मेथी एक जड़ी बूटी है जिसे डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार में जरुरु लेना चाहिए। इसकी हाइपोग्लाइसेमिक गतिविधि के कारण, यह ग्लूकोज सहिष्णुता और लो ब्लड शुगर के स्तर में सुधार करने में मदद करता है। मेथी का सेवन करने से ब्लड शुगर और लिपिड प्रोफाइल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये दोनों को संतुलित करने में सहायक होता है। इसलिए मेथी के बीज ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करके और ग्लूकोज सहनशीलता में सुधार करके शरीर में शुगर के मेटाबोलिज्म को बेहतर बना सकते हैं। अगर आप अपनी डाइट में 100 ग्राम मेथी के बीज के पाउडर को शामिल करते हैं तो इससे फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल में कमी आती है। ग्लूकोज सहिष्णुता में सुधार आएगा और बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद मिलती है। ।
डायबिटीज में करी पत्ता का सेवन लाभदायक माना जाता है। ये हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में बहुत सहायता करता है। इसका कार्बोहाइड्रेट चयापचय (Metabolism ) को प्रभावित करता है। यह ऑक्सीडेटिव तनाव के जोखिम को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा डायबिटीज रोगियों के बीच फास्टिंग और पोस्टप्रैन्डियल ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में इसका हाइपोग्लाइसेमिक गुण काफी फायदेमंद साबित हुआ है। करी पत्ता आपकी इंसुलिन गतिविधि को बढ़ावा देता है, जिससे ब्लड शुगर अपने आप स्थिर होने लगता है।
डायबिटीज में लिवर की बीमारियां का बढ़ने का खतरा होता है। ऐसे में एलोवेरा एक लिवर डिटॉक्स टॉनिक की तरह आपकी मदद करता है। इसका सेवन करने से शुगर और फैट को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा डायबिटीज में एलोवेरा जूस के कई फायदे हैं। इसके सेवन से पहले तो ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और दूसरा ये मेटाबोलिज्म को तेज करने में मदद करता है। इसका रेगुलर सेवन सूजन में कमी लाता है और घाव व चोटों का तेजी से ठीक करने में मदद करता है।
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