नई दिल्ली. DENGUE VACCINE : WHO वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने बुधवार को मलेरिया की पहली वैक्सीन मॉसक्विरिक्स को मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को जल्द विश्वभर में उपलब्ध कराया जायेगा। इस वैक्सीन से विश्वभर की 7.9 बिलियन आबादी को फ़ायदा मिलेगा। मच्छरों के काटने से फैलती है बीमारी आपको बता दें मलेरिया मच्छरों के […]
नई दिल्ली. DENGUE VACCINE : WHO वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने बुधवार को मलेरिया की पहली वैक्सीन मॉसक्विरिक्स को मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को जल्द विश्वभर में उपलब्ध कराया जायेगा। इस वैक्सीन से विश्वभर की 7.9 बिलियन आबादी को फ़ायदा मिलेगा।
आपको बता दें मलेरिया मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है और करीब मच्छरों की 100 प्रजाति ऐसी है जो मनुष्य में इस जानलेवा बीमारी को फैलाती है. मच्छरों के काटने से शरीर में पैरासाइट प्लाजमोडियम फाल्सीपैरम संक्रमण फैलता है, जो कि मनुष्य की जान तक ले सकता है. इस वैक्सीन के लगने के बाद मनुष्य की मलेरिया से लड़ने की क्षमता 70 फ़ीसदी तक बढ़ जाएगी और मनुष्य इस संक्रमण से बचा सकता है. इस वैक्सीन के आने से सर्वाधिक फायदा उन देशों को पहुंचेगा जहाँ पर मलेरिया के मामले सबसे अधिक आते हैं. भारत में मलेरिया के मामले अन्य देशों की तुलना में कम है लेकिन इस वैक्सीन के आने से सभी में उम्मीद की किरण जगी है. इस वैक्सीन का सबसे अधिक फायदा अफ्रीका के देशों को मिलेगा क्योकि मलेरिया के सबसे अधिक मामले यही से सामने आते हैं.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, मैंने अपने करियर की शुरुआत मलेरिया रिसर्चर के तौर पर की थी और मैं इस दिन का इंतजार वर्षो से कर रहा था और आज वह दिन आ गया.
मलेरिया के वैक्सीन पर 80 सालों से शोध जारी था और 60 साल से वैक्सीन के डेवलपमेंट पर काम किया जा रहा था, जो अब जाकर सफल हुआ है. 80 के दशक में मलेरिया के इलाज पर एक बात सामने आई जिसमे बताया गया कि मलेरिया की वैक्सीन का निर्माण मच्छर के प्रोटीन से संभव हो सकता है, जिसपर सभी वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे थे जो अब जाकर संभव हो पाया है. WHO ने इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. आपको बता दे अभी इस वैक्सीन के कई और संस्करण आने बाकी हैं, क्योंकि जैसे-जैसे शरीर में मलेरिया का स्वरूप बदलेगा वैसे-वैसे वैक्सीन का रूप भी बदलेगा.