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कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा, जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रही युवा महिलाएं, जानें क्यों!

कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा, जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रही युवा महिलाएं, जानें क्यों!

नई दिल्ली: पहले ब्रेस्ट कैंसर को उम्रदराज़ महिलाओं की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब कम उम्र की महिलाएं भी तेजी से इसकी चपेट में आ रही हैं। यह चिंता का विषय है, क्योंकि पहले 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता था। आइए जानते हैं, कम उम्र में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के प्रमुख कारण क्या हैं।

1. जेनेटिक कारण

ब्रेस्ट कैंसर का एक बड़ा कारण आनुवांशिक होता है। अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। BRCA1 और BRCA2 जीन में म्यूटेशन होने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है। यह म्यूटेशन पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर होता है, जिससे कम उम्र में भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

2. हार्मोनल असंतुलन

आजकल के समय में लड़कियों को जल्दी पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, जिससे उनके शरीर में लंबे समय तक एस्ट्रोजन हार्मोन बना रहता है। इसके अलावा, देर से मेनोपॉज होना, हार्मोनल थेरेपी लेना, और गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

3. खराब लाइफस्टाइल

अनहेल्दी खाना, धूम्रपान, और शराब का सेवन जैसी आदतें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों की कमी, मोटापा, और मानसिक तनाव भी इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं। आज की लाइफस्टाइल में शारीरिक श्रम की कमी से मोटापा और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं, जो कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं।

4. पर्यावरणीय प्रभाव

हमारे आसपास के वातावरण में मौजूद हानिकारक रसायन भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं। प्रदूषण, केमिकल्स, और पेस्टिसाइड्स के संपर्क में आना शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।

5. खानपान और मोटापा

गलत खानपान और मोटापा भी ब्रेस्ट कैंसर की एक बड़ी वजह हैं। अधिक फैट वाला भोजन शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ा देता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है। अगर फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार न लिया जाए, तो कैंसर का खतरा और भी बढ़ जाता है।

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण

– ब्रेस्ट में गांठ: ब्रेस्ट या फिर बगल में गांठ महसूस होना, जो दर्दरहित या दर्द के साथ हो सकती है।

– त्वचा में बदलाव: ब्रेस्ट की त्वचा में गड्ढे पड़ना, लालिमा या सूजन आना।

– निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की ओर धंसना या निप्पल से असामान्य द्रव निकलना।

– आकार में बदलाव: एक ब्रेस्ट का आकार या शेप दूसरे से अलग दिखने लगना।

– दर्द या असहजता: ब्रेस्ट या निप्पल में लगातार दर्द महसूस होना।

कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा चिंता का विषय है। इसलिए समय पर इसके लक्षणों की पहचान और सही इलाज जरूरी है। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

 

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