September 20, 2024
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Computer Vision Syndrome: कंप्यूटर विजन सिंड्रोम क्यों होता है? जानें इसके लक्षण और उपचार

 

नई दिल्ली। आजकल युवाओं को आंखों में ड्राइनेस के समस्या बहुत तकलीफ दे रही है. इसकी मुख्य वजह स्क्रीन का काफी ज्यादा एक्सपोजर है. जब युवा कम्प्यूटर, टीवी, लैपटॉप, टैबलेट जैसे गैजेट्स पर ज्यादा समय तक के लिए ऐक्टिव रहते है और रोजाना यही रूटीन रहता है तो आंखों में रखेपन की समस्या हो जाती है.

आंखों में रुखेपन की परेशानी से कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम की शुरूवात होती है. आंखों में इसकी दिक्कत स्क्रीन पर काम करते हुए पलकें कम झपकाने की वजह से होती है. पलकें कम झपकने की वजह से आंखों की ऑइल ग्लैंड काम करना बंद कर देती है. ये ग्लैंड वही होती है जो आंखों में नमी को बनाएं रखती है लेकिन पलकें जब कम झपकती है तो इन ग्लैंड्स की वर्क प्रॉसेस डिस्टर्ब हो जाती है और आंखों में रूखापन बढ़ने लगता है.

कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम में क्या समस्या होती है?

आंखों में रूखापन आने की वजह से आंखों में इस तरह का अनुभव लगातार होता है जैसे आंखों में धूल-मिट्टी के कण चले गए हो. इस वजह से हर समय आंखों में कुछ किरकिराने जैसा अनुभव होता है. साथ ही आंख में खुजली होने पर काफी ड्राईनेस की वजह से विजन में भी परेशानी होती है. यह कम्प्यूटर विजन की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होती है . इसकी वजह हॉर्मोनल चेंज होना, थाइरॉइड होना और कॉनटेक्ट लैंस का प्रयोग करना बन सकता है.

कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम का क्या इलाज है?

• आंखों में खुजली होने पर खुजाएं ना बजाय इसके ताजे पानी से आंखें धो लें.
• कम से कम स्क्रीन टाइम रखें और ऐसा नही तो बीच- बीच में ब्रेक ले.
• यह एक तरह की ऐलर्जी है इसलिए यह ट्रीटेबल है क्योरेबल नही. इस परेशानी के कारणों से आप बचोगे तो आपको समस्या नही होगी.
• डॉक्टर की सलाह से आप दवाओं का इस्तेमाल भी कर सकते है.

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