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बार-बार अलार्म लगाने से दिल और दिमाग हो सकते है बर्बाद?

नई दिल्ली: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में चैन की नींद ले पाना बहुत मुश्किल है। हर पल दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है, जिससे नींद पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है। सोने और जागने के बिगड़े शेड्यूल की वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। आजकल ज्यादातर लोग रात को […]

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बार-बार अलार्म लगाने से दिल और दिमाग हो सकते है बर्बाद?
  • August 6, 2024 6:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में चैन की नींद ले पाना बहुत मुश्किल है। हर पल दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है, जिससे नींद पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है। सोने और जागने के बिगड़े शेड्यूल की वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है।

आजकल ज्यादातर लोग रात को देर से सोते हैं और फिर उन्हें सुबह जल्दी उठना पड़ता है। कई बार वे अलार्म लगाकर सोते हैं, ताकि सुबह जल्दी उठ सकें और समय पर ऑफिस जा सकें। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो सावधान हो जाइए। डॉक्टरों का कहना है कि सुबह स्नूज बटन दबाने से बचने के लिए कई लोग 10-15 मिनट के अंतराल पर अलार्म सेट कर देते हैं। ऐसा करना सेहत को खराब कर सकता है। इससे पूरे दिन सुस्ती और थकान बनी रह सकती है।

बार-बार अलार्म लगाने से क्या नुकसान है?

कई लोग सुबह 10-15 मिनट के अंतराल पर 3-4 अलार्म यानी कई अलार्म सेट कर देते हैं। अमेरिकी न्यूरोलॉजिस्ट बैंडन पीटर्स के अनुसार, कई बार अलार्म लगाकर जागना और फिर झपकी लेना उस समय तो अच्छा लग सकता है, लेकिन यह नींद के पैटर्न और गुणवत्ता को बिगाड़ सकता है। इससे मस्तिष्क कमजोर हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे आपको पूरे दिन ऊर्जा की कमी महसूस होती है।

एक से अधिक अलार्म क्यों खतरनाक हैं?

अधिकांश लोग नींद के अंतिम घंटों में नींद चक्र के अंतिम चरण में होते हैं, जिसे रैपिड आई मूवमेंट (REM) नींद भी कहा जाता है। REM नींद याददाश्त और क्रिएटिविटी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन जब अलार्म बार-बार बजता है, तो नींद में खलल पड़ता है और मस्तिष्क की गतिविधि प्रभावित हो सकती है। इसलिए, केवल एक अलार्म सेट करना चाहिए ताकि सुबह उठने तक बिना किसी रुकावट के नींद पूरी हो सके।

कई तरह की समस्या हो सकते हैं

विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह उठने के लिए केवल एक अलार्म ही काफी है। सभी को अपनी नींद की आदतों पर नजर रखनी चाहिए। हमेशा एक ही समय पर सोना और उठना चाहिए। अगर सुबह अलार्म से बार-बार नींद प्रभावित होती है, तो इससे संबंधित विकार हो सकते हैं। जिससे जागने के बाद धीमी प्रतिक्रिया, अस्थायी रूप से कम याददाश्त और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है।

इससे पूरा दिन सुस्ती में गुजर सकता है और शरीर को कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं। आलस्य के कारण किसी काम में मन नहीं लगता और आत्मविश्वास कम होता है। इतना ही नहीं, इससे दूसरों के सामने इंप्रेशन भी खराब होता है।

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