नई दिल्ली, मछली खाना अगर आपको भी बहुत पसंद है तो समय आ गया है की आप सावधान हो जाएं. अगर आप भी ज़्यादा मछली का सेवन करते हैं तो आपके लिए एक चौका देने वाली खबर है. दरअसल एक स्टडी में पाया गया है कि मछली खाने से एक तरह के कैंसर का खतरा […]
नई दिल्ली, मछली खाना अगर आपको भी बहुत पसंद है तो समय आ गया है की आप सावधान हो जाएं. अगर आप भी ज़्यादा मछली का सेवन करते हैं तो आपके लिए एक चौका देने वाली खबर है. दरअसल एक स्टडी में पाया गया है कि मछली खाने से एक तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि ये शोध अधिक मछली खाने के नुकसान को बताता है. लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर एक इंसान को कितनी मछली का सेवन करना चाहिए?
पराबैंगनी यानी UV किरणें आपकी त्वचा की कोशिकाओं के लिए किसलिए हानिकारक होती हैं ये तो आप सभी जानते ही हैं. ये रेंज डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं, इस कारण त्वचा कैंसर पैदा होता हैं. पर त्वचा के कैंसर के लिए यही एक कारण नहीं है. हाल ही में की गई स्टडी में इस बात का दावा किया गया है कि अधिक मछली खाने से एक व्यक्ति में मेलेनोमा का खतरा बढ़ सकता है यह एक प्रकार का त्वचा का ही कैंसर है.
यह रिसर्च ब्राउन यूनिवर्सिटी में किया गया है. शोध के दौरान कुछ लोगों को हर हफ्ते 300 ग्राम मछली खिलाई गई थी. इन लोगों में जानलेवा कैंसर मेलेनोमा का जोखिम 22 प्रतिशत तक अधिक पाया गया था. बता दें, रिसर्च में 62 वर्ष की आयु वाले 4 लाख 91 हजार 367 वयस्कों ने भाग लिया था. रिसर्च में शामिल हुए सभी लोगों ने पिछले साल तली हुई मछली, बिना तली हुई मछली या टूना मछली खाई थी.
शोध में प्रभावित करने वाले कारक जैसे बढ़ा हुआ वजन, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, डाइट, कैंसर का पारिवारिक इतिहास, यूवी विकिरण के संपर्क की स्थिति आदि सभी का पूर्ण ध्यान रखा गया था. आखिर में यह निष्कर्ष निकला कि 1 प्रतिशत लोगों में मेलेनोमा का जोखिम बढ़ा और 0.7 प्रतिशत लोगों में मेलेनोमा के जोखिम बढ़ने के अधिक चांस हुए. मछली के अधिक सेवन ने इन लोगों में ये खतरा बढ़ा दिया. हालांकि तली हुई मछली खाने वालो में ये जोखिम 18 प्रतिशत और टूना खाने वालों में ये जोखिम 20 प्रतिशत अधिक था. अब इस शोध से ये निष्कर्ष निकलकर आया कि एक इंसान को हफ्ते में दो बार मछली खानी चाहिए. ये उसके लिए नुकसानदेह नहीं है.
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