नई दिल्ली: पर्याप्त पानी का सेवन किडनी को खराब होने से बचाने में अहम भूमिका निभाता है। किडनी हमारे शरीर से विषैले तत्वों को निकालने और रक्त को शुद्ध करने का काम करती है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो किडनी में विषैले तत्व जमा हो सकते हैं, जिससे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
किडनी शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो रक्त को शुद्ध करके विषाक्त पदार्थों को पेशाब के रूप में बाहर निकालती है। पानी इस प्रक्रिया को सहज बनाता है। जब शरीर में पर्याप्त पानी होता है, तो किडनी अच्छे से काम करती है और शरीर से विषैले तत्व जल्दी और आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इसके विपरीत, यदि शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे समय के साथ उसकी कार्यक्षमता कम हो सकती है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एक सामान्य वयस्क व्यक्ति को दिन में लगभग 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। इसे लीटर में मापा जाए तो यह लगभग 2 से 3 लीटर पानी होता है। हालांकि, यह आवश्यकता व्यक्ति की जीवनशैली, मौसम, और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार बदल भी सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक शारीरिक काम करता है या गर्मी के मौसम में रहता है, तो उसे अधिक पानी पीने की आवश्यकता होती है। वहीं यदि किसी को पहले से कोई किडनी की समस्या है या डॉक्टर ने उसकी पानी की खपत को नियंत्रित करने की सलाह दी है, तो उसे डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना चाहिए।
1. संतुलित आहार: संतुलित आहार जिसमें नमक, शक्कर और वसा की मात्रा कम हो, किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
2. शराब और धूम्रपान से बचें: अत्यधिक शराब और धूम्रपान किडनी की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
3. नियमित व्यायाम: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है।
4. नियमित जांच: यदि आपके परिवार में किडनी की बीमारी का इतिहास है, तो आपको समय-समय पर किडनी की जांच करानी चाहिए।
यदि आपको पेशाब में जलन, पेशाब की मात्रा में अचानक कमी, शरीर में सूजन, थकान या चक्कर आने जैसी समस्याएं होती हैं, तो यह किडनी की समस्याओं के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
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