नई दिल्ली: हार्ट अटैक, स्ट्रोक या कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना पूरी तरह से हमारे खानपान की लापरवाही आदत के कारण होता है। डाइट में सुधार करके न केवल आप कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर के साथ ब्लड शुगर को कम कर सकते हैं बल्कि आप अपने दिल को हेल्दी भी बनाते हैं। कम उम्र में हार्ट […]
नई दिल्ली: हार्ट अटैक, स्ट्रोक या कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना पूरी तरह से हमारे खानपान की लापरवाही आदत के कारण होता है। डाइट में सुधार करके न केवल आप कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर के साथ ब्लड शुगर को कम कर सकते हैं बल्कि आप अपने दिल को हेल्दी भी बनाते हैं। कम उम्र में हार्ट अटैक की बढ़ने के पीछे तमाम बीमारियां ही नहीं बल्कि खाने-पीने की आदतें भी शामिल हैं। तो चलिए जानते है…
मकई और आलू से बने चिप्स हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी के वजह होते हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल-बीपी ही हार्ट अटैक के वजह बनता है। इन चिप्स में परिपूर्ण मात्रा में ट्रांस फैट, सोडियम, कार्ब्स के साथ ऐसी चीजे होती हैं जो सेहत के लिए जहर हैं। यदि आप एक दिन में 200 मिलिग्राम से अधिक सोडियम ले रहे तो आपके दिल के दौरे, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा काफी हो जाता है। यही नहीं आपके बढ़ते फैट और कमर के लिए आलू और मकई के चिप्स जिम्मेदार हैं।
आजकल एनर्जी ड्रिंक्स पीने की आदत हो गई है। इन एनर्जी बूस्टर में आर्टिफिशियल चीजें भी मौजूद होती हैं। वहीं कुछ में ग्वाराना के अलावा टॉराइन जैसे नैचुरल एनर्जी बूस्टर्स होते हैं जो कैफीन के संपर्क में आते ही दिल पर प्रेशर बढ़ा देते हैं। अचानक से धड़कन का तेज होने से खतरे बढ़ जाते हैं। इन एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन की मात्रा होती है जिससे अतालता की शिकायत होने लगती है। अनियमित धड़कन ही अतालता का लक्षण है।
सोडा न केवल आपके ब्लड शुगर लेवल को हाई करता है बल्कि एसिड रिफ्लक्स के लिए जिम्मेदार भी होता है। सोडा आर्टरी की दीवारों पर तनाव पैदा कर दिल पर प्रेशर भी डालता है।
मार्जरीन काफी खतरनाक तत्व हैं जो मक्खन के रुप में बिकता है। यह मक्खन सस्ता होने के कारण इसका यूज ज्यादा होता है। ये हाइड्रोजनेटेड ऑयल से बनाया जाता है जो ट्रांस फैट का प्रमुख स्रोत माना जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल को काफी बढ़ा देता है। दिल की सेहत से लेकर स्किन एजिंग प्रॉसेस के लिए हानिकारक है।