नई दिल्ली। किसी भी इंसान को हार्मोनल इंबैलेंस होने से काफी दिक्कत हो सकती है जिससे उसके डेवलपमेंट में परेशानी पैदा कर सकती है. परंपरागत रूप से कुछ जड़ी- बूटियों का इस्तेमाल बॉडी में हार्मोन के लेवल को बैलेंस करने के लिए किया गया है और यह सभी के लिए काफी प्रभावकारी भी साबित […]
नई दिल्ली। किसी भी इंसान को हार्मोनल इंबैलेंस होने से काफी दिक्कत हो सकती है जिससे उसके डेवलपमेंट में परेशानी पैदा कर सकती है. परंपरागत रूप से कुछ जड़ी- बूटियों का इस्तेमाल बॉडी में हार्मोन के लेवल को बैलेंस करने के लिए किया गया है और यह सभी के लिए काफी प्रभावकारी भी साबित हुआ है. आयुर्वेदिक जड़ी- बूटीयां महिलाओं में हार्मोनल इंबैलेंस की समस्या खत्म कर सकती है.
आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियों का उपयोग काफी लंबे समय से कई बीमारियों को उपचार के लिए किया जाता है. यह सबसे पुरानी और क्लीनेस्ट टेक्निको में से एक है जिसमें पौधे और जड़ी-बूटियां मौजूद हैं. इन जड़ी- बूटियों का इस्तेमाल अलग-अलग तरह की समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है. आज हम आपको उन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में बताएंगे जिनका सेवन करने से आपकी बॉडी में हार्मोनल बदलाव इसको बैलेंस करने के लिए किया जा सकता है.
हार्मोन को बैलेंस करने के किए प्रयोग की जाने वाली सभी आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियां ज्यादातर मामलों में सुरक्षित है. कोई भी जड़ी- बूटी का सेवन करने से पहले उसके बारे में जानकारी रखना जरूरी है. ये हर्बल उपचार अन लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं जो गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं, किसी अन्य हार्मोन थेरेपी का प्रयोग कर रही हैं, किसी मानसिक स्वास्थ्य विकार या कैंसर से पीड़ित हैं. कई जड़ी- बूटियां हाइली रिएक्टिव होती हैं इसलिए लेने से पहले एक बार उनको समझ लेना चाहिए.
कलौंजी सौंफ के बीजों को कहा जाता है. इसके फूलों में छोटे काले बीज होते हैं जो एंटी- ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं और हार्मोंस को बैलेंस करने में सहायता करते हैं.
अश्वगंधा विभिन्न उपचार विधियों और स्थितियों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी- बूटी है. ये एक हर्बल दवा की तरह है जिसे चाय के रूप में लिया जा सकता है. रूट पाउडर या इससे बने कुछ नेचुरल सप्लीमेंटस भी मौजूद है.
यह उसी हर्बल पौधे निगेला सैटिवा से आता है. यह जड़ का गठन करता है जिसे फ्रोफुट भी कहा जाता है. इस पौधे की जड़ को आप अपनी चाय या पानी में डालकर या भोजन के बाद पाउडर सप्लीमेंट के रूप में ले सकते हैं.
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