भारतीयों की एक सबसे बुरी आदत है खुद से अपनी बीमारी का इलाज करना। अगर आपकी तबीयत खराब होती है और आप खुद से ही दवा खाने लगते हैं
नई दिल्ली: भारतीयों की एक सबसे बुरी आदत है खुद से अपनी बीमारी का इलाज करना। अगर आपकी तबीयत खराब होती है और आप खुद से ही दवा खाने लगते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। सबसे पहले तो अपनी यह आदत सुधार लें। हम इसे नॉर्मल बात समझकर कोई भी दवा खा लेते हैं, लेकिन शरीर पर इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
जब तक आपको अपनी गलती का एहसास होता है, तब तक बात काफी बिगड़ चुकी होती है। कई बार महिलाओं की स्थिति पुरुषों के मुकाबले और भी खतरनाक हो जाती है। महिलाएं शर्म के कारण खुद से ही कोई भी दवा ले लेती हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें।
कुछ लोग खुद से सप्लीमेंट्स और मल्टीविटामिन भी ले लेते हैं। अगर आप या आपके घर में कोई ऐसा करता है, तो तुरंत मना करें। कोई भी दवा या सप्लीमेंट्स लेने से पहले टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। खुद से कोई भी मेडिकेशन शुरू न करें।
सेल्फ मेडिकेशन का मतलब है बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से दवा लेना। इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे उल्टी, चक्कर आना, सिर दर्द, मोटापा और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां। अपनी फैमिली, दोस्तों या रिश्तेदारों को भी सेल्फ मेडिकेशन से बचाएं।
दवा के पैकेट पर उसकी मात्रा (एमजी) लिखी होती है। डॉक्टर मरीज की उम्र के हिसाब से दवा की मात्रा देते हैं। अगर आपने छोटे बच्चों को ओवरडोज दे दिया, तो यह उनके लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है। इससे उनकी तबीयत बिगड़ सकती है। हल्के बुखार में भी हाई डोज लेने से बैचेनी और घबराहट हो सकती है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं।
कई लोग मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी में भी खुद से दवा खाने लगते हैं। इससे कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। आपकी सेहत के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।
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