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केरल के मलप्पुरम में एमपॉक्स के मामले की पुष्टि, UAE से लौटा था भारत

नई दिल्ली: मंकीपॉक्स वायरस को लेकर लगातार भारत सरकार की और से चेतावनी दी जा रही है. वहीं हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से केरल लौटे एक 38 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। यह मामला मलप्पुरम जिले का है, जहां स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए […]

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केरल के मलप्पुरम में एमपॉक्स के मामले की पुष्टि, UAE से लौटा था भारत
  • September 18, 2024 8:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: मंकीपॉक्स वायरस को लेकर लगातार भारत सरकार की और से चेतावनी दी जा रही है. वहीं हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से केरल लौटे एक 38 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। यह मामला मलप्पुरम जिले का है, जहां स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने फेसबुक के जरिए जानकारी दी कि UAE से लौटे इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो चुकी है। मंत्री ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को मंकीपॉक्स से संबंधित कोई लक्षण महसूस होते हैं, तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें और इलाज कराएं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में उपचार और आइसोलेशन की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा नोडल अधिकारियों के संपर्क नंबर भी सार्वजनिक किए गए हैं, ताकि कोई भी संदिग्ध मामला जल्द से जल्द रिपोर्ट किया जा सके।

केंद्र सरकार की एडवायजरी

इस वायरस ने दुनिया के कई देशों में पहले ही आतंक फैला रखा है और अब भारत में भी इसका प्रसार हो चुका है। केंद्र सरकार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सख्त एडवायजरी जारी की है। एडवायजरी के तहत सामुदायिक स्तर पर मंकीपॉक्स के सभी संदिग्ध मामलों की जांच और स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा रही है। सभी सरकारी अस्पतालों में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं। दिल्ली में लोक नायक अस्पताल, बाबा साहब आंबेडकर अस्पताल, एम्स और सफदरजंग जैसे बड़े अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए गए हैं।

WHO का कहना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मई 2023 में मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। इस वायरस से अब तक 600 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और इसका प्रसार लगातार बढ़ रहा है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वायरस समय के साथ और अधिक खतरनाक होता जा रहा है, जिससे दुनिया भर में सतर्कता बढ़ गई है।

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