नई दिल्ली : बीमारियां अमीरी और गरीबी देखकर आपके शरीर में दस्तक नहीं देती हैं। महिमा चौधरी की ब्रैस्ट कैंसर की बात सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं। हम देख सकते हैं कि ये कितनी पीड़ादायक बीमारी है। इस बीमारी ने महिमा के शरीर को पूरी तरह से बदल दिया हैं। अच्छी बात तो ये थी कि महिमा को इस बीमारी के बारें में पहले ही पता चल गया था। लेकिन बहुत सी महिलाएं ऐसी होती हैं जिन्हे ब्रैस्ट कैंसर के बारें में नहीं पता होता हैं। महिलाएं को देरी से पता चलता है कि वो ब्रैस्ट कैंसर से पीड़ित हैं जिस कारण उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ता हैं।
1. स्तन में एक गांठ – ये ज्यादातर मामलों में दर्दनाक नहीं होता है
2. अंडरआर्म क्षेत्र में एक गांठ या मोटा होना
3. आकार यास्तन के आकार में परिवर्तन
4. स्तन की त्वचा में एक डिंपल या पीकरिंग
5. निप्पल की आवक खींच
6. निप्पल क्षेत्र के पास लाल या परतदार त्वचा
7. स्तन द्रव के अलावा, द्रव, खासकर अगर यह खूनी है
8. बदलते त्वचा का रंग या स्तन, निप्पल, आइसोला का बनावट
9. स्तन की त्वचा की छाती – ऑरेंज की एक त्वचा की तरह
नियमित तौर पर शारीरिक व्यायाम करें
शारीरिक तौर पर एक्टिव रहकर आप स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं। आप प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करें या फिर घर के काम में अच्छे से एक्टिव रहें। यह आपके शरीर की चर्बी को गलाने में मदद करेगा। अपना वज़न हमेशा चेक करते रहें। ज्यादा मोटापा और वज़न दोनों ही हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसलिए अपने वज़न को कंट्रोल में रखें, यह ब्रेस्ट कैंसर का एक कारण है। खासतौर पर रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म बंद होने के बाद) यदि आपका वज़न ज्यादा होता है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, फैट कोशिकाएं ही कैंसर संबंधी ट्यूमर या गांठ बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होती हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें
सिगरेट और शराब के सेवन का चलन आजकल महिलाओं में भी काफी आम है। आप कह सकते हैं कि महिलाओं में बढ़ते स्तन कैंसर का यह भी एक कारण है। यह स्तन कैंसर को बढ़ावा देता है। जो महिलाएं ड्रिंक करती हैं, उन्हें एक दिन में 1 से अधिक अल्कोहल ड्रिंक नहीं लेना चाहिए। आप कोशिश करें कि इसके सेवन से बचें। यही बात सिगरेट पर भी लागू होती है। ऐसा पाया गया है कि विशेष रूप से प्रीमेनोपॉज़ल महिलाओं में धूम्रपान स्तन कैंसर को बढ़ावा देता है।
स्तनपान
स्तन कैंसर की रोकथाम में स्तनपान की अहम भूमिका होती है। आप जितने अधिक समय तक स्तनपान करेंगी, उतना अधिक समय पर आप इस खतरे का रोक पाएंगी। जिन महिलाओं ने अपने बच्चे को स्तनपान करवाया है उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना से पांच प्रतिशत कम होता है जिन्होंने अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करवाया है।
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