नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सत्र की शरुआत के साथ मोदी सरकार ने किसानों से किए अपने वादे को पूरा करते हुए तीनों कृषि कानूनों के वापसी के बिल को संसद में पेश किया जिसे लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. बता दें कि संसद के शीतकालीन […]
नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सत्र की शरुआत के साथ मोदी सरकार ने किसानों से किए अपने वादे को पूरा करते हुए तीनों कृषि कानूनों के वापसी के बिल को संसद में पेश किया जिसे लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है.
संसद में राज्यसभा के 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी नेताओं का आज संसद परिसर में महत्मा गाँधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा दिल्ली में आज 40 किसान संगठनों की होने वाली बैठक भी रद्द कर दी गई है. इसके पीछे जो वजह बताई जा रही है उसके अनुसार किसान संगठनों में फूट पड़ गई है. ख़बर है कि पंजाब के कई किसान संगठन आंदोलन की जीत के बाद धरना खत्म करने के पक्ष में हैं वहीं दूसरी और कई किसान संगठन ऐसे हैं जो ये किसान आंदोलन से जुड़ा धरना जारी रखना चाहते हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. ऐसे में बीते दो दिनों से हुए हंगामे के बाद आज भी कुछ ऐसे ही माहौल के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बीते दिन कहा कि लोकसभा में बुधवार को कोविड-19 महामारी पर एक अल्प अवधि की चर्चा के लिए समय आवंटित किया गया है.
यह चर्चा नियम 193 के अंतर्गत होगी, जिसके तहत सदस्य कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बारे में जानकारी मांग सकते हैं. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लोकसभा में बुधवार को महामारी पर एक अल्प अवधि की चर्चा होगी. वहीं दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी बीते दिन संसद में कहा कि अभी तक देश में कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन का कोई मामला सामने नहीं आया है और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है कि यह देश में नहीं पहुँच पाए.’