September 23, 2024
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मिट्टी में मिलेगा हुड्डा का अरमान या निर्दलीय बिगाड़ेंगे CM सैनी का गेम? ये सीट करेंगे कुर्सी का फैसला

  • WRITTEN BY: Pooja Thakur
  • LAST UPDATED : September 23, 2024, 12:23 pm IST

चंडीगढ़। हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। अभी तक के आंकड़ों में कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिख रही है। हालांकि कांग्रेस की राह इतनी आसान नहीं होगी क्योंकि इनेलो, जेजेपी, AAP और बागी-निर्दलीय उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। निर्दलीय हमेशा से हरियाणा में किंग मेकर के रोल में रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान कई ऐसे उम्मीदवार हैं जो मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।

निर्दलीय रहे हैं किंगमेकर

हरियाणा में एक ऐसा भी समय था जब 16 विधायक निर्दलीय जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दूसरे कार्यकाल( 2009) में सात निर्दलीय चुनाव जीते थे। जिसके दम पर उन्होंने राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाई। 1982 में 16 विधायकों के सहारे भजनलाल सीएम बने थे। 2019 में निर्दलीय के बूते ही बीजेपी ने अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। इस बार के विधानसभा चुनाव में 1031 कैंडिडेट्स चुनावी मैदान में हैं। इसमें से 462 प्रत्याशी निर्दलीय हैं। कई ऐसे भी हैं जो जीतकर विधानसभा पहुंच सकते हैं।

इन सीटों पर बिगड़ सकता है गेम-

रानियां सीट से देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह मैदान में हैं। पिछली बार रणजीत सिंह चौटाला ने गोपाला कांडा के भाई गोविंद कांडा को हराया था। इधर इनेलो ने अभय चौटाला के बड़े बेटे अर्जुन चौटाला को टिकट दिया है। वहीं हिसार सीट सबसे हॉट मानी जा रही है। यहां से देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल निर्दलीय मैदान में है। उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं। बीजेपी ने हिसार से आरएसएस के करीबी माने जाने वाले कमल गुप्ता को टिकट दिया है। कांग्रेस से कुमारी सैलजा के नजदीकी रामनिवास राड़ा अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

निर्दलीय फंसा सकते हैं सीट

हरियाणा की नलवा और हांसी सीट पर कांग्रेस के बागी उनका गेम बिगाड़ सकते हैं। पूर्व मंत्री संपत सिंह नलवा से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। जींद में भी कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जींद सेगमेंट से प्रदीप गिल बागी बनकर मैदान में हैं। अंबाला कैंट से कांग्रेस की चित्रा सरवारा निर्दलीय मैदान में हैं। कांग्रेस ने उन्हें अब पार्टी से निकाल दिया है। चित्रा सरवारा के पिता निर्मल सिंह अंबाला सिटी से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। वो अपने पिता के विरुद्ध ही लड़ती दिखेंगी।

बीजेपी-कांग्रेस को बागियों का झटका

इधर लाडवा से निर्दलीय प्रत्याशी संदीप गर्ग सीएम सैनी के सामने मैदान में हैं। लोकसभा चुनाव से पहले गर्ग भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। गुरुग्राम से भाजपा में रहे नवीन गोयल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। गन्नौर सीट से देवेंद्र कादियान को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो वो निर्दलय चुनाव लड़ रहे। बल्लभगढ़ से दो बार विधायक रह चुकीं शारदा राठौर को कांग्रेस ने इस बार टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। सोहना से कल्याण चौहान निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, उनके पक्ष में राजपूत वोटर जा सकते हैं। सोनीपत में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन निर्दलीय मैदान में हैं।

 

 

 

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