जन्मकुंडली के अंदर अगर किसी भी तरह से लगन के साथ, सूर्य के साथ, मंगल के साथ या बृहस्पति के साथ राहु का संबंध बन जाए तो ये बच्चे के अंदर उतावलपन और गुस्सा पैदा कर देता है. इतना ही नहीं गुस्सा बढ़ाने का भी काम करता है.
हमारे ऋषि मुनि, हमाने पूर्वजों ने पूजा पाठ नाम से ऐसी पद्धति इजात की है जिससे सही मायने में इंसान के अंदर धैर्य, विश्वास उत्पन्न होता है. अपने लोगों के प्रति, जीव-सजीव या जितने भी धरती पर जीव जंतु है उनके प्रति प्यार उत्पन्न होता है और अध्यात्म ही हमें सही मायने में इंसान बनाता है.
हर इंसान के अंदर हर तरह की खासियत नहीं होती. इंसान के अंदर जो कमियां होती हैं और जिस ग्रह से संबंधित कमियां होती हैं उस ग्रह से संबंधित जो जिंदगी में हमें काम करने होते हैं, हम उसे ठीक तरीके से नहीं पूरा कर पाते हैं.
मंगल मतलब हमारे शरीर के अंदर बह रहा खून. जिस प्रकार से खून अगर शरीर से निकल जाए तो पूरा शरीर बेकार हो जाता है, इसी तरह से जन्मकुंडली के अंदर अगर मंगल अच्छा है तो आपको इस दुनिया के सारे सुख मिलेंगे.
भारत ऐसा देश है जहां लगभग हर ग्रह में मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घरों की किचन में रखें इन मसालों का आपके ग्रहों से खास कनेक्शन होता है.
दुनिया के सभी माता-पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा होशियार हो, पढ़ाई-लिखाई में उसका दिमाग तेज हो और खेलकूद में भी अलव रहे. इसी चाहत में कभी कभार माता-पिता अपने बच्चों पर प्रेशर डालने लगते हैं. इसीलिए आज इस शो में बात की जाए कि आपका बच्चा होशियार कैसे बनेगा.
इस धरती पर एक पत्ता भी ऐसा नहीं है जो परमात्मा की इच्छा के बिना हिल सके और परमात्मा यानी कि ये ग्रह हैं. कोई भी काम परमात्मा की इच्छा के बिना हो ही नहीं सकता.
किसी भी काम को सफल बनाने के लिए पॉजिटीव होना बहुत जरूरी है. अगर आप नेगेटिव हैं तो जीवन जीना आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं आप सुखी जीवन भी नहीं जी पाते हैं और आपका आत्मविश्वास भी कम हो जाता है.
जिन लोगों के यहां पर दादा-दादी या माता-पिता का सुख अच्छा होता है, मतलब जिस घर में बड़े अपने बच्चों को सपोर्ट करते हैं, यानी जिनका परिवार टूटा ना हो, इन लोगों की प्रॉपर्टी बनती ही बनती है.
इस धरती पर कोई भी चीज ऐसी नहीं होती जिसका संबंध हमारे ग्रहों के साथ ना हो, ज्योतिष के साथ ना हो. क्योंकि जो मर्दों की मर्दानगी वाली खूबसूरती होती है वह सूर्य, मंगल और ब्रहस्पति की वजह से होता है.