जन्म कुंडली में रत्न का विशेष महत्व होता है. रत्न को धारण करने के पीछे कई ज्योतिषी कारण होते हैं. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को रत्न फल जाए तो बहुत से फायदे होते हैं लेकिन अगर पहना हुआ रत्न फला नहीं तो वो इंसान को बर्बाद कर देता है.
नई दिल्ली. जन्म कुंडली में रत्न का विशेष महत्व होता है. रत्न को धारण करने के पीछे कई ज्योतिषी कारण होते हैं. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को रत्न फल जाए तो बहुत से फायदे होते हैं लेकिन अगर पहना हुआ रत्न फला नहीं तो वो इंसान को बर्बाद कर देता है. इसीलिए रत्न को कुंडली के अनुसार ही धारण किया जाता है. जैसे अगर कोई व्यक्ति फिजूलखर्ची करता है या पैसे को बर्बाद करता हो, ऐसे में उस शख्स का शुक्र ग्रह खराब होता है. इस स्थिति में मनुष्य को हीरा धारण करना होता है. ऐसे ही हर जन्म कुंडली और ग्रहों की चाल के अनुसार रत्न धारण करना होता है.
रत्न ठीक दवाईयों की तरह ही होते हैं. जिस तरह का रोग होता है उसी तरह का रत्न धारण किया जाता है. रत्न को धारण करने का परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है. लेकिन रत्न को धारण करने से पहले कुंडली और ग्रहों की जानकारी होना बेहद जरूरी है. जैसे रत्न कभी भी उस ग्रह से संबंधित नहीं धारण करना चाहिए जो कि बहुत ही शुभ होकर के आपकी कुंडली में बैठा हुआ हो और उससे संबंधित सारे काम अगर बन रहे हों, तो उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने की तो जरूरत ही नहीं है. आज गुरुमंत्र शो में रत्न से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की जाएगी. गुरु जी बताएंगे कि कौन सा रत्न बदले देगा आपकी किस्तम, सेहत के साथ सुंदरता बढ़ाने वाला रत्न कौन सा है? हीरे की चमक किसको पहुंचा सकती है नुकसान? किस्मत बदलने वाले रत्न की एक्सपायरी डेट कौन सी है. रत्न से जुड़ी सभी जानकारी दें रहे हैं, एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में.