इंडिया न्यूज के कार्यक्रम गुरु मंत्र में बताया गया कि शनि देव के शाप से दुष्प्रभावों से कैसे बचा जा सके. कुंडली में शनि ग्रह सबसे महत्वपूर्ण ग्रह होता है. अगर किसी पर शनि का प्रकोप होता है तो वह किस तरह का बर्ताव करता है.
नई दिल्ली. शनिवार को हमेशा शनि भगवान की बात करते हैं और कुंडली में शनि ग्रह की बात करते हैं. इसलिए आज भी इसी विषय से जुड़ी बात की जाएगी. आज गुरु मंत्र शो में शनि के शाप पर बात की जाएगी. इसके अलावा शनि के लक्षण क्या है और उनसे कैसे बचा जा सकता है. शनि हमारी कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह होता है. अगर शनि खराब होकर किसी के जन्म कुंडली में बैठ जाए तो व्यक्ति चिड़चिड़ा व नकारात्मक रहने लगता है. जब ये प्रभाव ज्यादा हो जाते हैं तो व्यक्ति मानसिक बीमार रहने लग जाते हैं. इसीलिए शनि के शाप से बचना चाहिए.
शनि के शाप का सबसे बड़ा लक्षण ये होता है कि शनि जिस व्यक्ति की कुंडली में खराब हो जाए तो ये व्यक्ति को बेमतलब का अंतर्मुखी बना देते है. यानि व्यक्ति चिड़चिड़ा और मूडी बन जाता है. शनि ग्रह के शत्रु ग्रह सूर्य, मंगल और चंद्रमा होते हैं. अगर इस स्थिति में अगर हम इन तीनो ग्रहों को मजबूत कर ले तो शनि का प्रभाव कम हो जाता है.
ऐसे लोग बुढ़ापे में न चैन से जीते हैं न दूसरों को जीने देते हैं. ऐसे में शनि के समय रहते खत्म करना जरूरी है.ऐसे लोगों की आंखों में सफेद सूरमा लगाना चाहिए. इसके अलावा हर रोज वर के पेड़ में दूध और पानी मिलाकर चढ़ाना चाहिए.
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