जन्मकुंडली में बुध और राहु के दोषों की वजह से तनाव यानी डिप्रेशन होता है. डिप्रेशन की वजह से इंसान जान देने के बारे में भी सोचता है. इस खतरनाक बीमारी या मानसिक बीमारी का कारण बुध, राहु और शनि दोष होता है. जानिए क्या और कैसे ये दो ग्रह इंसान को डिप्रेशन में डाल देता है.
नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में डिप्रेशन यानी तनाव के विषय पर बात की जाएगी. डिप्रेशन आजकल आम बीमारी हो गई है. बढ़ते काम के दबाव और कई उलझनों की वजह से लोगों को तनाव की समस्या से जूझना पड़ता है. यह एक ऐसी डिसीज है जिसमें व्यक्ति मौत को गले लगाना ज्यादा आसान समझता है. तनाव इसांन को तोड़ कर रखा देता है. तनाव इंसान पर तब भी हावी होता है जब उसके हाथ असफलता हाथ लगती है.
तनाव में मानसिक स्थिति का पता नहीं चलता और मनुष्य जान देने पर उतारू हो जाता है. इसका संबंध हमारी जन्मकुंडली से भी होता है. हमारी कुंडली के अंदर जब राहु और बुध खराब स्थिति में आ जाए तो इंसान डिप्रेशन में चला जाता है. जब जन्मकुंडली में राहु आंठवे और बुध 12वें स्थान पर हो तो इंसान को हर छोटी छोटी चीजे तनाव देती है. बुध, शनि और राहु ग्रहों के दोषों की वजह से इंसान डिप्रेशन में जाता जाता है. इसीलिए कुंडली में इन दो ग्रहों का उपाय करना बेहद जरूर होता है.
अक्सर लोगों की शियकातें ऐसी आती हैं जिनमें कई छोटी छोटी बातों को दिल से लगा लेते हैं और तनाव लेने लगते हैं. इन सभी का कारण बुध और राहु होता है. बुध हमारे दिमाग की वह शक्ति है जो धैर्य और समझ देती है. जब बुध कुंडली में खराब हो जाता है तो इंसान की सोचनी समझने की शक्ति कम हो जाती है और वह इमोशनली होता चला जाता है.