गुरु मंत्र: राहु-केतु इस प्रकार हमारी जिंदगी को बेहतर या फिर बर्बाद कर देते हैं

इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम में आज केतु व राहु के बारे में बात हुई. गुरु विशिष्ठजी ने बताया कि राहु और केतु कैसे हमारी जीवन पर प्रभाव डालता है. केतु के नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव के बारे में भी जानें

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गुरु मंत्र: राहु-केतु इस प्रकार हमारी जिंदगी को बेहतर या फिर बर्बाद कर देते हैं

Aanchal Pandey

  • June 10, 2018 11:52 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. आज इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम शो में राहु-केतु ग्रह के विषय में बात की गई. दरअसल इन दोनों ग्रहों को पापी ग्रह के नाम से जाना जाता है. इन दोनों ग्रहों की खराब चाल व गलत दिशा इंसान को बर्बाद कर देती है. राहु-केतु दोनों ग्रह एक दूसरे के पूरक होते हैं. कहा जाता है कि अगर केतु इंसान को सोचने पर मजबूर करता है तो राहु उस सोच को लागू करवाता है. इंसान की गलत सोच व बुद्धि भ्रष्ट होने के पीछे भी इन दोनों ग्रहों का हाथ होता है.

केतु और राहु का हमारी कुंडली से गहरा संबंध होता है. किसी इंसान की तरक्की के पीछे इन दोनों ग्रहों का हाथ होता है. केतु जिनकी कुंडली में सही दिशा में होता है तो ये इंसान को व्यापार में मुनाफा दिलवाया है. वहीं इसका बुरा प्रभाव ये होता है कि केतु इंसान को चिड़चिड़ा व निकम्मा बना देता है. केतु अगर सूर्य के साथ मिले तो ये शुभ और ये अगर मंगल से मिल जाए तो पीड़ादायक बन जाता है.

जन्मकुंडली में मंगल व केतु का मिलन इंसान को सेहत व शारीरिक रूप से पीड़ा पहुंचाता है. वहीं केतु अगर बुध के साथ मिल जाए तो ये व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट खराब कर देता है. लेकिन केतु अगर बृहस्पति के साथ मिल जाए तो इंसान का बेढ़ा पार कर देता है. इंसान को बुद्धि व शारीरिक रूप से सुख प्रदान करता है.

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