Guru Mantra: इंडिया न्यूज के खास कार्यक्रम में एस्ट्रो साइंटिस्ट जी डी वशिष्ठ जी मनुष्य के कर्मों का कुंडली से संबंध बता रहे हैं. कुंडली के बुरे दोष बच्चों को खासतौर पर प्रभावित करते हैं. जब बच्चे के कुंडली में पापी ग्रह चाहे अच्छी अवस्था में हो लेकिन वह छोटी उम्र में आ जाता है जिसके कारण वह बूरी संगत में पड़ जाता है.
नई दिल्ली. इंसान अपनी पूरी जिंदगी में कई बार छोटे-छोटे फायदों के लिए कभी कदार बड़ी – बड़ी गलतियां कर बैठता है. उसे लगता है ऐसा काम करने से हमारा भविष्य बहुत ही अच्छा होगा. लेकिन हम भूल जाते हैं कि इससे हमारा भविष्य अच्छा नहीं बल्कि बुरा हो रहा है. इसके बारे में आज हम बात करेंगे कि जो लोग गलत काम करते हैं. क्या उसका फल उनको इसी जन्म में भुगतना पड़ता है और उसका ग्रहों से क्या संबंध होता है.
जन्मकुंडली के अंदर पापी ग्रह के कारण यह सब होता है. जब बच्चे के कुंडली में पापी ग्रह चाहे अच्छी अवस्था में हो लेकिन वह छोटी उम्र में आ जाता है जिसके कारण वह बूरी संगत में पड़ जाता है. क्योंकि बच्चे को अच्छे बुरे का पता नहीं होता है. मंगल अगर 5वां घर का हो इंसान की बुद्धि बहुत अच्छी होती है. अगर राहु 7वें घर का हो तो वह इंसान बुद्धि का धनी होता है. पापी ग्रह हो तो उसका इलाज कर बच्चों को सात्विक काम में लगना चाहिए. बच्चे सच झुठ बोलने लगते है वह बहुत प्लानिंग करते है जिससे साफ पता चलता है.
बच्चा समझदार होता है. बस बच्चे को सही राह दिखाने की जरुरत है इसके लिए पापी ग्रह को ठीक करने के लिए उपाय करने चाहिए. पापी ग्रह में दो ग्रह प्रधान होता है राहु और केतु ग्रह. अगर आप भी अपने बच्चे से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो आपके सभी सवालों का जवाब देंगे एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में.
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