गुरु मंत्र में आज नवरात्रि पर बात की जाएगी. मां सर्वश्वरी का भव्य स्वरूप क्या कहता है? मां सर्वेश्वरी के रूप में सभी देवी- देवता समाहित, नवरात्रि में कैसे करें मां सर्वेश्वरी को प्रसन्न?
नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में आज नवरात्रि पर बात की जाएगी. मां सर्वश्वरी का भव्य स्वरूप क्या कहता है? मां सर्वेश्वरी के रूप में सभी देवी- देवता समाहित, नवरात्रि में कैसे करें मां सर्वेश्वरी को प्रसन्न? इन सभी विषयो पर चर्चा होगी.
मां सर्वेश्वरी का भव्य रूप
सभी लोगों ने मां दुर्गा स्वरूप देखते ही हैं. जिसमें मां दुर्गा शेर की सवारी किए हुए है. मां दुर्ग की कई भुजाएं हैं. जिसमें शंख भी हैं. त्रिशुल भी है, कमल भी है. वो शक्ति जो किसी भी प्रकार की शक्ति अपने में लिए हो और जो हर तरह के क्रम को कर देने की शक्ति रखती हों उसी का ऐसा स्वरूप हो सकता है. मां का ये स्वरूप पूरे संसार में फैला है. मां दुर्ग का स्वरूप तब बनता है जब मां सरस्वती का ज्ञान और मां काली का साहस सही को सही और गलत. जब मां सरस्वती और मां काली की शक्ति का मेल होता है तो मां लक्ष्मी का आगमन होता है यानी आपकी मनोकामना पूरी होती है. एक नारी बहुत अच्छा श्रृंगार कर शेर पर सवार है इसका मतलब है चाहे नारी हो या नर हो बिना ज्ञान के कोई कार्य सिद्ध नहीं होगा.
जिस इंसान की बुद्धि पूर तरह से काम करती है. जो इंसान शारीरिक रूप से ठीक है उस पर मां सर्वेश्वरी का हाथ है. सही मान्य में बुध ग्रह सबसे अहम है सभी ग्रह बुध ग्रह के इर्दगिद होते है. मां सर्वेश्वरी भी बुध ही इस संसार में बुध से बड़ा कोई नहीं है. संसार में जीतनी भी हरियाली है वह सब बुध की ही देन है. बुध के बिना इस धरती पर कुछ भी संभंव नहीं हैं. मां सर्वेश्वरी भी बुध का ही रूप हैं. कहा जाता है जिसका बुध अच्छा होता उसका जीवन बहुत अच्छा होता है. जिसके शरीर की नसे सही वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है. शरीर का ढ़ाचा नसे पर भी खड़ा हैं. अगर आप भी नवरात्रि से जुड़े सवाल पूछना चाहते हैं तो इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में जवाब दे रहे हैं गुरु विशिष्ठ जी.
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