शो गुरू मंत्र में आस्था और अंधविश्वास पर बात की जाएगी. आस्था और अंधविश्वास बहुत बड़ी बुराई है क्योंकि इसकी जड़े अज्ञानता तक जाती है. यह हमारे ज्ञान, सहायता, निराशा और डर की कमी को दर्शाता है. अंधविश्वास महा अभिशाप है यह बता सभी जानते है लेकिन इसके बावजूद अंधविश्वास के जाल में कैसे फस जाते है
नई दिल्ली. इंडिया न्यूज के शो गुरू मंत्र में आस्था और अंधविश्वास पर बात की जाएगी. आस्था और अंधविश्वास बहुत बड़ी बुराई है क्योंकि इसकी जड़े अज्ञानता तक जाती है. यह हमारे ज्ञान, सहायता, निराशा और डर की कमी को दर्शाता है. अंधविश्वास महा अभिशाप है यह बता सभी जानते है लेकिन इसके बावजूद अंधविश्वास के जाल में कैसे फस जाते है, आस्था, अंधिवश्वास में कब बदल जाती है, अंधविश्वास के अभिशाप से समाज को कैसे बचाएं, अंधविश्वास के नाम पर हो रहे कारोबार को कैसे पहचानें, आज एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ जी गुरु मंत्र शो में इन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे.
आस्था और अंधविश्वास में अंतर
आस्था वह जहां जीवन जीने का ज्ञान मिलता है लोगों के साथ अपनापन, आपसे फायदा ना लिया जाता है. आस्था ही इंसान को स्मपूर्ण करती है. आस्था होनी होनी चाहिए जहां कोई आडंबर नहीं होना चाहिए. पूरे समाज में अपने काम का दान करना चाहिए. दुनिया के काम आना ही आस्था है. दूसरों का भला करना आस्था है. अंधविश्वास जब आप किसी ऐसे रिश्ते पर भरोसा कर लेते है जो स्वार्थी होता है. या जिसके समय पार नही हो रहा जो आपके साथ टाइमपास कर रहा है और आपसे वह आपना फायदा उठा कर आपका नुकसान किया होता है अंधविश्वास है. कुछ बाबा काली नजर उतराने के लिए बोलते ये ले आओं में सारी परेशानियों को दूर करूगा यह भी अंधविश्वास है. जीवन में परेशानी बनी रहती है इन्हें कोई रोक नही सकता है क्यों ग्रह की चाल बदलने से कई तरह के उतार चढ़ाव होता है इसके लिए किसी बाबा की मदद लेना अंधविश्वास है.
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