नई दिल्ली. रत्न धारण करना बहुत ही सोच समझकर करने वाला काम है. अगर आप बहुत ज्यादा ताकत की कोई चीज खाकर अपने शरीर को खराब करने का काम करोगे तो आपको कौन बचाएगा.
ठीक दवाईयों की तरह ही रत्न होते हैं. रत्न धारण करने के मामले में पुराने समय में ये किया जाता था कि जिस इंसान के शरीर में जिस चीज की कमी होती थी उसे वह चीज दी जाती थी. उसी तरह रत्नों के लिए भी किया जाता है.
इंसान को जिस चीज की आवश्यकता होती है और वो हमें अगर मिल नहीं रही या उससे संबंधित दिमागी परेशानी और जीवन के अंदर के हालात अगर हमारे खराब चल रहे हैं तो उससे संबंधित रत्न अगर धारण किया जाए तो उसका उचित परिणाम मिलेगा.
रत्न कभी भी उस ग्रह से संबंधित नहीं धारण करना चाहिए जो कि बहुत ही शुभ होकर के आपकी कुंडली में बैठा हुआ हो और उससे संबंधित सारे काम अगर बन रहे हों, शरीर के अंदर उस ग्रह से संबंधित पार्ट्स भी सही तरीके से काम करते हों तो उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करने की तो जरूरत ही नहीं है.
कौन सा रत्न धारण करना चाहिए कौन सा नहीं, बता रहे हैं एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में.