नई दिल्ली : परिवार में दुख आने का सबसे बड़ा कारण होता है लालच, स्वार्थ. ये ऐसी चीज है जो हम लोगों को किसी ना किसी रूप में बेइमान साबित करती है, गलत बनाती है और हम जब अपनी सोच से गलत हो जाते हैं और जो ग्रह उस सोच का कारक होता है वो ग्रह बहुत ही शातिर होकर के हमारे शरीर के अंदर उस ग्रह से संबंधित एनर्जी लेवल को बढ़ा देता है.
जब वो एनर्जी बढ़ा देता है उसके बाद अगर हम कोई भी बच्चा पैदा करते हैं तो उस बच्चे के शरीर के अंदर भी उन ग्रहों से संबंधित ऊर्जा प्रवाह होती है. जब उस ग्रह से संबंधित ऊर्जा ज्यादा हो जाती है तो इसका सीधा मतलब ये होता है कि वो बच्चा आपकी ही मानसिकता लेकर के पैदा हुआ है.
वही गुण या अवगुण जो आप में था वही गुण या अवगुण लेकर के आपका बच्चा पैदा हुआ है. उसकी मात्रा उसके अंदर जन्मजात है. उसके बाद आपने पहले कम गलतियां की, आपके बच्चे ने उससे कहीं ज्यादा गलतियां की, उसकी औलाद उससे ज्यादा गलतियां करेगी और ऐसे में ये एक पितृ दोष बन जाएगा.
पितृ दोष कैसे आपको परेशानी में डालता है बता रहे हैं एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में.