नई दिल्ली : ये वाणी दोष जितना भी पैदा होता है, खास तौर पर तुतलाने वाला, अटक-अटक कर बोलने वाला ये सारे दोष बुध के पैदा किए हुए हैं. क्योंकि हमारे दांत हों, जीभ हों, होँठ हों, वाणी हों ये सब बुध के दायरे में ही आते हैं.
ये उस वक्त होता है जब बुध और बृहस्पति जो कि आपस में दुश्मन ग्रह हैं, एक दूसरे के संपर्क में आते हैं या फिर सीधे तौर पर ये कहें कि बुध जब बृहस्पति को खराब करने के लिए उसके घर में पहुंच जाता है तो ये ऑक्सीजन का जो रिस्पॉन्ड होना चाहिए ये खराब होने लगता है. उसकी वजह से वाणी दोष उत्पन्न होता है.
जैसे अगर कुंडली के नौवें घर के अंदर बुध आकर बैठ जाए तो बच्चा हकलाता या तोतलाता है और ऐसे बच्चों की परेशानी ये होती है कि बचपन में उनको कफ या जुकाम से संबंधित तकलीफें रही होती है. उनके गले में खराबी होती रहती है और बहुत सारे बच्चों को तो यहां तक भी परेशानी होती है कि वो जब रोते हैं तो रोते-रोते सांस ऊपर चली जाती है और डर लगता है कि कहीं उनकी सांस न अटक जाए.
यहां वाणी दोष के बारे में सभी जरूरी जानकारियां दे रहे हैं एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में.