नई दिल्ली : आज इस शो के माध्यम से जानें कि कुंडली में कालसर्प योग के क्या लक्षण होते हैं और इसका समाधान क्या है. कालसर्प दोष कुंडली के अंदर राहु-केतु अपने से सातवें स्थान पर विराजमान होते हैं, मान लें अगर राहु पहले घर में है तो केतु सातवें घर में होगा और अगर राहतु सातवें घर में है तो केतु पहले घर में होगा, ये एक अदर्शाय दीवार का काम करता है. राहु-केतु जहां बैठे हुए हों उसके राइड हैंड पर या लैफ्ट हैंड पर एक ही तरफ सारे ग्रह आ जाएं और दूसरी तरफ कोई ग्रह न हो ऐसी ही स्थिति को कालसर्प योग कहते हैं.
जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, काम में सफलता-असफलता तो लगी रहती है, रिश्तों में प्यार-टकराव भी लगा रहता है, लेकिन क्या आप इस बात से वाकीफ हैं कि कई बार ऐसी स्थिति आपकी कुंडली की वजह से भी होती हैं. कालसर्प योग की खासियत ये है कि ये आपके जीवन में होने वाले सभी कामों को देर से पूरा होने देता है यानी कोई भी सुख हो वो देरी से प्राप्त होते हैं.
आज इस शो में कालसर्प योग पर चर्चा की जाएगी. कालसर्प योग की बात सुनकर जी दिल में एक अजीब सा डर उत्पन हो जाता है, आप भी अगर इसी बात को लेकर चिंतित रहते हैं तो इस शो के माध्यम से जानिए कालसर्प योग से मुक्ति पाने के क्या है समाधान, एस्ट्रो साइंटिस्ट जीडी वशिष्ठ इंडिया न्यूज के खास प्रोग्राम गुरु मंत्र में.