दशाओं का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है. दशाओं के बदलने से काम बिगड़ते भी हैं और बनते भी हैं. दशाओं के प्रभाव से संतान सुख की प्राप्ति भी होती है. दशाओं के अच्छे-बुरे प्रभाव के बारे में जानें.
अक्सर लोगों के मन में ये सवाल उठता है आखिर कब से पृथ्वी अस्तित्व में आई और कब इसका जन्म हुआ था. इसके बार में इतिहास में उल्लेख किया गया है. पुराण में इसके जन्म के बारे में बताया गया है.
पति-पत्नी का रिश्ता भावनाओं का रिश्ता है, आपसी विश्वास का रिश्ता है और ये रिश्ता दिल से शुरू होकर दिल से चलता है, लेकिन ऐसे कई घर-परिवार हैं जहां प्यार के इस रिश्ते में जहर घुलता चला जा रहा है.
हिन्दू धर्म में शिव का वाहन नंदी नामक बैल है. नंदी को पवित्रता, बुद्धि ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. शिव पुराण में नंदी का उल्लेख मिलता है.
अक्सर बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लगता क्योंकि उनके अंदर एकाग्रता की कमी होती है. कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो थोड़ी देर ही एकाग्र होकर पढ़ते हैं और उन्हें सबकुछ याद हो जाता है.
जिस तरह भाग्यांक का बहुत महत्व होता है उसी तरह मूलांक का भी बहुत महत्व होता है. दोनों काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. मूलांक आपकी जन्मतिथि का जोड़ होता है. जिन लोगों का भाग्यांक और मूलांक दोस्त होते हैं उनकी किस्मत कम संघर्ष से बेहतर हो जाती है या फिर उन्हें किसी का सहयोग मिल जाता है.
अगर कुछ साल पीछे जाकर गौर करें तो संजीवनी काफी महत्वपूर्ण मानी गई है. ऐसा माना जाता है कि संजीवनी का इस्तेमाल करके ही भगवान लक्ष्मण फिर से जीवित हो गए थे. इतिहास में इस बात का उल्लेख है कि संजीवनी से मृत को जीवित किया जा सकता है.
अक्सर लोग अपने घरों में पूजा कराते रहते हैं. पूजा के लिए कई चीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है. उसी के आधार पर ही रोजाना पूजा होती है लेकिन क्या आपको पूजा करने के लिए भी सही सामग्रियों का चयन करना जरूरी है क्योंकि पूजा में प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं का वैज्ञानिक आधार होता है.
आजकल हर घर में कोई न कोई परेशानी देखने को मिलती है. कुछ लोगों के भाग्य में अचानक धन डूबने के योग आ जाते हैं. बिना किसी वजह से आपके रुपए सार खर्च होने लगते हैं.
आपका भाग्यांक आपके भविष्य के बारे में काफी कुछ कहता है. आपके जीवन में कब क्या परेशानी आएगी और उससे कैसे पार पाया यह सब कुछ आपका भाग्यांक बताता है आपके बारे में.