आपके शरीर के अंगो से भी भाग्य का पता लगाया जा सकता है. इंडिया न्यूज के शो 'गुडलक गुरु' में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा के मुताबिक अगर आप अपनी पलके देर से झपकाते हैं तो आपके जीवन में ज्यादा संघर्ष होता है और अगर आप अपनी पलकें जल्दी जल्दी झपकाते हैं तो आपका दिमाग बहुत तेजी से काम करेगा लेकिन कभी-कभी जल्दी-जल्दी पलक झपकने से आपकी चिंता भी बढ़ सकती है.
किसी की नाक देखकर भी आप उसके बारे में जान सकते हैं. इंडिया न्यूज शो गुडलक गुरु में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा के अनुसार, नाक का सीधा होना, टेढ़ा-मेढ़ा होना और उसके आकार भी किसी के व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ बताता है. आपको भले ही यकीन नहीं हो रहा हो
काला चना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. चाहे वह भुना हुआ हो, अंकुरित हों या इसकी सब्जी बनी हुई हो. यह हर तरीके से कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स से भरा हुआ होता है.
ज्यादा पैसा कमाने और पैसे को बचाए रखने के लिए इंसान क्या कुछ नहीं करता. वह हमेशा सोचता है कि इन बचे पैसों का इस्तेमाल वह किसी बड़ी योजना के लिए करें लेकिन यह हमेशा मुमकिन नहीं हो पता.
पलाश वृक्ष का आयुर्वेद में बड़ा योगदान है. पलाश के पांचों अंग (पत्ते, फूल, फल, छाल, व मूल) औषधीय गुणों से सम्पन्न हैं. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने और शरीर से जुड़ी कई समस्याओं के निजात के लिए जरुरी है.
नई दिल्ली. क्या आप जानते हैं कि हमारे हाथ की रेखाएं हमारे भविष्य में घटने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी देती है? ऐसा माना जाता है कि 16 वर्ष की आयु तक पहुंचते-पहुंचते हाथों की रेखाओं में लगातार परिवर्तन होता रहता है और इसके बाद इन रेखाओं का प्रभाव जीवन में भी नजर आने […]
इंडिया न्यूज़ के विशेष शो 'गुडलक गुरु' में आज अध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा ने मोबाइल से निकलने वाली रेडियेशन से होने वाले नुकसान के बारे में बताया. गुरूजी ने बताया कि मोबाइल पर जयादा देर तक बात करना या उसे तकिये के नीचे रखकर सोना सबसे ज्यादा हानिकारक होता है.
2015 में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है ऐसे में आपको डेंगू के कारणों और उससे बचाव के बारे में पता होना जरूरी हैं. जानिए, डेंगू से कैसे बचाव किया जा सकता है. डेंगू एक ऐसी बीमारी हैं जो एडिस इजिप्टी मच्छरों के काटने से होती हैं. इस रोग में तेज बुखार के साथ शरीर पर चकते बनने शुरू हो जाते हैं.
हिंदू धर्म में 108 की संख्या महत्वपूर्ण मानी गई है. ईश्वर नाम के जप, मंत्र जप, पूजा स्थल या आराध्य की परिक्रमा, दान इत्यादि में इस गणना को महत्व दिया जाता है. जपमाला में इसीलिए 108 मणियां या मनके होते हैं. उपनिषदों की संख्या भी 108 ही है. विशिष्ट धर्मगुरुओं के नाम के साथ इस संख्या को लिखने की परंपरा है. तंत्र में उल्लेखित देवी अनुष्ठान भी इतने ही हैं. परंपरानुसार इस संख्या का प्रयोग तो सभी करते हैं, लेकिन इसको अपनाने के रहस्यों से ज्यादातर लोग अनभिज्ञ होंगे.
नई दिल्ली. अगर आपके पास पैसे टिकते नहीं तो बढ़िया उपाय है कि आप इसे किसी ऐसी जगह रखें जहां आपका आना-जाना कम हो. इंडिया न्यूज शो गुडलक गुरु में पवन सिन्हा बताते हैं कि अगर आप एक टारगेट लेकर चले कि इस दिन या इस महीने आपको कितने बचाने है और इसका कठोरता से […]