कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी जो दिपावली के बाद आती है, उसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है या देवा एकादशी कहते हैं. दरअसल, भाद्रपद की एकादशी को भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं.चार महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं. इसलिए इस दिन को देवोत्थानी या देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.
गरीबी एक बीमारी की तरह है जिससे अन्य समस्याएं जैसे अपराध, धीमा विकास आदि जुड़े हैं. भारत में अब भी ऐसे कई लोग हैं जो सड़कों पर रहते हैं और एक समय के भोजन के लिए भी पूरा दिन भीख मांगते हैं.
कचनार एक ऐसा फूल है जो अपनी खूबसूरती के लिए काफी मश्हूर है जिसे लोग घरों में सजावट के लिए भी रखतें है लेकिन क्या आपको पता है, आयुर्वेद की दृष्टि से कचनार आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है. कचनार की जड़ के काड़े से लीवर की सूजन का नाश होता है.
हमारा देश कई प्रकार की जड़ी-बूटियों और वनस्पतियों का भंडार है और प्रत्येक जड़ी-बूटी और वनस्पति का अपने आप में बहुत महत्व भी है. इनमें से कचनार फूल की भी एक गुणकारी वनस्पति है.
आलस मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है. आलस् को दूर करना सफलता हासिल करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. आलस्य ऐसा दोष है जिससे मनुष्य अपने वर्तमान और भविष्य दोनों को नष्ट कर देता है.
आपको पता है कि हींग को खाने में डालने से अच्छी खुशबू और स्वाद आता है पर क्या आप ये जानते है कि हींग के कई और फायदे भी है जो शायद कुछ ही लोगों को पता होंगे. हींग कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है.
जन्मकुंडली मनुष्य के जीवन का पूर्ण खाका होती है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति अच्छी होना तो आवश्यक है ही, भाग्य से संबंधित ग्रहों का शुभ होना और उनकी दशा-महादशा का सही समय पर व्यक्ति के जीवन में आना भी उतना ही आवश्यक होता है.
अक्सर नए साल को लेकर हमलोग कई योजनाएं बनाते हैं. लेकिन क्या साल खत्म होने के बाद हमारी सभी योजनाएं पूरी होती है. इंडिया न्यूज शो गुडलक गुरु में पवन सिन्हा बताते हैं कि आपको किसी भी योजना को बनाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है. बबूल के गोंद से कफ और पित्त का नाश होता है. इससे जलन को दूर और घाव को भी भरा जा सकता है. बबूल की गोंद में वजीकारक गुण होता है. पुराने बबूल की छाल अधिक गुणकारी होती है. इसकी छाल निकाल कर उसे छाया में सुखाकर रख लें और आवश्यकता पडऩे पर इसका उपयोग किया जा सकता है.
दिवाली पर आप भी कार खरीदने की सोच रहे हैं? तो रुकिए कार खरीदने से पहले सोचिए कि जो कार आप खरीद रहे हैं वो आपके लिए ठीक है या नहीं ? कार खरीदने से पहले लोग हमेशा गलती करते हैं कि वह बिना सोचे विचारे ही कार खरीद लेते हैं.