आपके हाथों की रेखाओं से यह भी मालूम किया जा सकता है कि भविष्य में किस व्यक्ति को कौन सा रोग हो सकता हैं. हथेली पर रेखाओं के साथ कुछ विशेष चिन्ह भी होते है जो काफी कुछ हमारे जीवन के विषय में बयान करते हैं
अक्सर पैरेंट्स अपने बच्चों को ज्यादा स्ट्रांग और बुद्धिमान बनाना चाहते हैं और इसके लिए वह कई तरह की चीजें करते हैं. इंडिया न्यूज शो गुडलक गुरु में पवन सिन्हा बताते हैं कि अगर आपको अपने बच्चे का दिमाग तेज करना है तो हर दिन उन्हें चांदी के गिलास में पानी पिलाएं.
प्रेम विवाह आज के भौतिक युग में आम बात हो गई हैं युवावस्था में प्रवेश करते ही प्रत्येक युवक-युवती स्वप्निल संसार में खोया रहता है लेकिन कहते है कि जोडि़यां विधाता द्वारा प्रहले से ही तय की हुई होती है .ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम विवाह से संबंधित तीन ग्रह होते हैं. यह तीन ग्रह सूर्य, बुध और शुक्र हैं.
आज सबसे बड़ा सवाल ये बना हुआ है कि हमारा भविष्य कैसा होगा जिसकी वजह से कहीं न कहीं हम अपना आज खराब कर रहे हैं. लोगों को लगता है कि भविष्य के पीछे भागने या उसे जानने से हम उसे सबसे बेहतर बना लेंगे जबकि ऐसा होता नहीं है.
दूषण आज एक ऐसी समस्या बना हुआ है जिसकी समस्या का निवारण बहुत ही कठीन माना जा रहा है. भारत में इसकी वजह से सांस की परेशानी एक भयानक राक्षस का रुप ले रही है.
भारतीय पंचांग पद्धति में प्रतिवर्ष सौर पौष मास को खर मास कहते हैं. इसे मल मास या काला महीना भी कहा जाता है. इस महीने का आरंभ 16 दिसम्बर से होता है और ठीक मकर संक्रांति को खर मास की समाप्ति होती है.
भगवान शिव अनादि व अनन्त हैं अर्थात न तो कोई भगवान शिव के प्रारंभ के बारे में जानता है और न ही कोई अंत के बारे में. इसलिए इन्हें अजन्मा और अनश्वर भी कहते हैं. धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं
सपने हमेशा आपकी आने वाली जिंदगी के राज खोलता है. अपने सपनों से आप स्वस्थय रह सकते हैं, आने वाली बिमारीयों कों जानकर उसका उपाय निकाल सकते हैं. हमे सपनों से शरारिक और मानसिक समस्याओं का भी पता लग जाता है.
अधिकांश लोगों को आलस के कारण कई प्रकार के कार्यों में असफलता का मुंह देखना पड़ता है.
आजकल के बच्चे कई बीमारियों से परेशान रहते है जिनमें कई बीमारियां अक्सर शरीर में विटामिन की कमी से होती है. विटामिन डी की कमी को भारत के बच्चे क्या बड़े भी प्रभावित होते है. आंकड़े बताते है कि भारत में 80 प्रतिशत लोग विटामीन डी की परेशानी का सामना कर रहे हैं.