हम लोग कुछ न कुछ गहने तो पहनते हैं. जो भी हम गहने पहनते हैं वह काफी अहम होते हैं. गलत धातु हमें नुकसान भी पहुंचाते हैं. ये जानना भी जरूरी है कि सोना और चांदी हमें नुकसान पहुंचाते हैं या फायदा.
नई दिल्ली. भगवान हनुमान कलियुग के प्रधान देवताओं में शुमार होते हैं. धर्म शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी ही कलियुग में जीवंत देवता है जो अपने भक्तों के हर कष्टों को दूर करते हैं और उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. आज के समय में हनुमानजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवी-देवताओं में से एक हैं. […]
इंसान का सिग्नेचर उसकी मन की स्थिति बताता है. हस्ताक्षर व्यवहार का आइना है. हस्ताक्षर या लिखावट का सीधा संबंध हमारी सोच से होता है यानी हम जो सोचते हैं, करते हैं, जो व्यवहार में लाते हैं, वह सब कागज पर अपनी लिखावट व हस्ताक्षर के द्वारा प्रदर्शित भी होता है.
सर्दियों की तरह गर्मियां भी मौसमी बीमारियों के साथ आती हैं. गर्मी में होने वाली गर्मी से थकावट, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉयजनिंग आम बीमारियां हैं. अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.
पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार एकबार एक असुर, जिसका नाम मायिल-रावण था, भगवान विष्णु का चक्र ही चुरा ले गया. जब आंजनेय हनुमान जी को यह ज्ञात हुआ तो उनके हृदय में सुदर्शन चक्र को वापस लाकर विष्णु जी को सौंपने की इच्छा जाग्रत हुई
हिंदू धर्म में रामनवमी का बहुत अधिक महत्व है, यह चैत्र और शारदीय नवरात्र के नौवें दिन बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य का अधिक महत्व होता है. कई लोग नवरात्र में व्रत रखते है वो रामनवमी के दिन ही अपना व्रत पूजा-पाठ, उद्यापन कराने के बाद तोडते है. इस साल की सालों बाद इतना अच्छा योग भी बन रहा है. इस बार बुधादित्य नाम का विशेष योग बना. जो कि खास मुहूर्त है.
हिंदू धर्म में गाय का महत्व देवों के समान बताया गया है. वेद हो या पुराण, सभी में गौ को पूजनीय बताने के साथ ही संसार की संरक्षिका भी कहा गया है. गाय केवल पूजनीय ही नहीं है, बल्कि घर को दोषमुक्त करने में भी इसका महत्व है.
आज से नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. देशभर में नवरात्रि की धूम है. नौ दिनों तक पूरा देश माता की भक्ति में लीन रहेगा. नवरात्रों में मां देवी के नौ रुपों की पूजा की जाती है और उन्हें अपनी अराधना से खुश किया जाता है.
नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है. उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं. जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं.
कूष्मांडा का मतलब है कि अपनी फूलों सी मुस्कान से सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड को अपने गर्भ में उत्पन्न किया है वही है मां कूष्माण्डा है. मां कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं. इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है. मां कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं.