मई महीने की शुरूआत हो चुकी है और इसके साथ ही गर्मी भी अपने चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. ऐसे में लू लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है. खासकर उन लोगों को लू से बचने की ज्यादा जरुरत होती है जो भरी धूप में काम करते हैं या फिर खुले वाहनों में सफर करते है.
जून का महीना आ गया है और सूरज अपनी प्रखर किरणों की तीव्रता से नदी और कुआं को सुखा कर वायु में रूखापन और गर्मी में होने वाले आम रोग है. गर्मी में लापरवाही के कारण सरीर में निर्जलीकरण, लू लगना, चक्कर आना, घबराहट होना आम बात है.
अक्षय तृतीया के दान के प्रभाव से ही वह बहुत धनी तथा प्रतापी बना जा सकता है. इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है और घर-परिवार में सुख-समृध्दी आती है. घर व परिवार में खुशी का आगमन होता है.
भगवान परशुराम को भगवन विष्णु का छठवां अवतार माना जाता हैं. भगवान परशुराम के बारे में यह प्रसिद्ध है कि उन्होंने तत्कालीन अत्याचारी और निरंकुश क्षत्रियों का 21 बार संहार किया. लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान परशुराम ने आखिर ऐसा क्यों किया? इसी का जवाब देती है एक रोचक पुराण कथा – महिष्मती नगर के राजा सहस्त्रार्जुन क्षत्रिय समाज के हैहय वंश के राजा कार्तवीर्य और रानी कौशिक के पुत्र थे .
अपनी लड़की के लिए अगर कोई दूल्हा देखने जा रहे हैं तो कुछ बातें हैं जिन्हें आप ध्यान से देखें. पहली चीज लड़के में मंगल दोष ना हो, अगर लड़के में मंगल दोष है तो पूरे जीवन उपाय करने को तैयार रहे. अगर आपकी लड़की में अगर मंगल दोष है तो ये लड़का आपके लिए सही रहेगा. दोनों का मंगल एक सुखी जीवन को तैयार करेगा.
हस्तरेखा के मुताबिक जिनके दाहिने हाथ पर चंद्र के उभरे हुए भाग पर तारे का चिह्न होते है. जिनकी रेखा शनि के ग्रह पर ठहरती है, ऐसे व्यक्तियों को आकस्मिक लाभ होने की संभावना होती है. ऐसी मान्यता भारत के अलावा अन्य कई देशों में भी है कि हाथ के तर्जनी में उभार के संकेत से अकास्मिक मौत का खतड़ा बढ़ जाता हैं.
मनुष्य के लिए सबसे बड़ा धन पैसा नहीं है. बल्कि अच्छा स्वास्थ्य मनुष्य का सबसे बड़ा धन है. अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा तो आप भी खुश रहेंगे और हर काम में आपका मन भी लगेगा.
केवड़ा सुगंधित फूलों वाले वृक्षों की एक प्रजाति है. जो घने जंगलों में पाए जाते है. पतले, लंबे, घने और कांटेदार पत्तों वाले पेड़ की दो प्रजातियां है. सफेद और पीली सफेद जाति को केवड़ा और पीली को केतकी कहते हैं. केतकी बहुत सुगंन्धित होती है और उसके पत्ते कोमल होते हैं. इसमें जनवरी और फरवरी में फूल लगते हैं. इसके वृक्ष गंगा नदी के सुन्दरवन डेल्टा में बहुतायत से पाए जाते हैं.
हिंदू समाज में लड़के और लड़कियों की कुंडली मिलाते समय मांगलिक दोष पर अधिक जोर दिया जाता है. यधपि लड़के के पिता इस बात से विशेष चिन्तित नहीं होते. किंतु लड़की के माता-पिता केवल यह सुनकर ही चिंता में पड़ जाते हैं,
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर धातु में करिश्माई शक्तियां होती है. धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किये जाएं तो इनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है अन्यथा धातु विपरीत प्रभाव भी देते हैं.