नई दिल्ली. जब भी भगवान शिव के मंदिर में जाते हैं तो सबसे पहले नंदी को प्रणाम करते हैं. नंदी एक बैल है जो कि शिव का सवारी भी है. आपने भगवान शंकर की चरणों में बैठे हमेशा देखा होगा, लेकिन उसके बारें में पूरी जानकारी कुछ ही लोगों के पास होगी.
शनिवार शनिदेव का प्रिय दिन है. आज के दिन शनिदेव को प्रसन्न करके आप अपनी बंद किस्मत का ताला खोल सकते हैं और जीवन में पनप रही सभी समस्याओं से निजात पा सकते हैं? ज्योतिष के अनुसार शनि चलते तो मंद गति से हैं परंतु ये मंद गति राजा को रंक बना देती है तथा रंक को राजा बना देती है तथा खोल देती है बंद किस्मत का ताला.
शक्तिशाली शाबर मंत्र पहले से ही शक्तियों से परिपूर्ण और सिद्ध होते हैं. इन मंत्रों के केवल उच्चारण मात्र से व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं.
मनुष्य के जीवन में कई रिश्ते बनते और कई बिगड़ते भी हैं. ये रिश्ते भाई-बहन, दोस्त-यार, पति-पत्नी, माता-पिता, सहपाठी आदि कई प्रकार के होते हैं. इन तमाम रिश्तों में ऊंच-नीच भी होते ही रहता है. ऐसे समय में कई रिश्ते टूट जाते हैं, कई टूटते-टूटते रह जाते हैं और कई पहले से मजबूत हो जाते हैं.
बढ़ती उम्र के साथ दिमाग का कमजोर होना आम बात है, लेकिन आजकल कम उम्र में ही ऐसी समस्याएं देखने को मिल रही है, जो एक चिंता की बात है. दिमाग के कमजोर हो जाने से ना हम किसी चीज या विषय पर अपना ध्यान लगा पाते हैं और ना ही समय रहते अपनी बात रख पाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे हाथ की रेखाओं में हमारे जीवन के भावी संकेत मिलते हैं. वैसे तो कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान ही शिशु के हाथ में लकीरों का जाल बुन जाता है, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक रेखाओं के रूप में विद्यमान रहता है.
आज के स्पेशल शो में हम दही पर चर्चा करेंगे. प्राचीन काल से ही दही हमारे भोजन चिकित्सा और धार्मिक क्रियाकलापों से भी जुडी रही है. पेट की बीमारियों से परेशान होने वाले लोग यदि अपने भोजन में प्रचूर मात्रा में दही को शामिल करें तो अच्छा होता है.
कर्मकांड में यज्ञ का बड़ा महत्व है. यज्ञ के बिना किसी भी प्रकार की पूजा-अनुष्ठान को अपूर्ण माना गया है. हम आमतौर पर पूजा-पाठ तो करते हैं, लेकिन यज्ञ करने से दूर भागते हैं. वैसे अब आपको यज्ञ से भागने की नहीं, बल्कि यज्ञ करने की जरूरत है, क्योंकि यज्ञ में इतनी शक्ति है कि इससे आपकी जिन्दगी बदल सकती है.
किसी हल्की झुंझलाहट से लेकर किसी स्थिति पर होने आने वाले तेज रिएक्शन को गुस्से के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है. ये दिमाग को उत्तेजित अवस्था में रखते हैं, जिससे दिमाग में विचारों का प्रवाह बेचैनी के साथ और बेहद तेज स्पीड से होने लगता है. जिंदगी में ठहाकों की कमी न होने दें,
कोई भी प्राणी चाहे वृद्ध हो या युवक चाहे वह बाल ही क्यों न हो. सदा सर्वदा काल के गाल में रहता है. कब किसकी मृत्यु आ जाए यह कोई भी नहीं जानता, न ही कोई किसी भी प्रकार से उस मृत्यु को टाल सकता है. इस बात को हृदय में धारण कर संसार को असत्य जानकर, जो व्यक्ति यह ज्ञान प्राप्त कर लेता है कि अन्तत तो ईश्वर शरणागति के सिवा और कोई चारा नहीं.