भगवान भोलेनाथ की दो रूपों में पूजा की जाती है और वह हैं मूर्ति रूप और शिवलिंग रूप. महादेव का मूर्तिपूजन भी श्रेष्ठ है, लेकिन लिंग पूजन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
हर पूजा-पाठ अथवा मांगलिक कार्यों में नारियल की उपस्थिति रहती है. भारतीय संस्कृति में यह बहुत शुभ, पवित्र और कल्याणकारी माना जाता गया है. देवताओं के नैवेद्य में हवन यज्ञ में नारियल का उपयोग होता है.
हम अक्सर 56 भोग का नाम सुनते हैं, लेकिन इन 56 भोग में क्या-क्या शामिल हैं और आखिर क्यों 56 भोग का ही चढ़ाया जाता है? इसके बारे में शायद ही जानते हैं.
राजस्थान के चुरू जिले का सालासर बालाजी का धाम, जहां स्थापित होने की इच्छा स्वयं बजरंगबली ने प्रकट की थी. तब करीब ढाई सौ साल पहले बालाजी के परम भक्त बाबा मोहनदास ने यहां बालाजी की स्थापना की.
योग भारत और नेपाल में एक आध्यात्मिक प्रकिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है. यह शब्द, प्रक्रिया और धारणा बौद्ध धर्म,जैन धर्म और हिंदू धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बंधित है.
हमारे धर्म शास्त्रों में मनोकामनाएं पूरी करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं. उसी के अनुसार सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवताओं के पूजन का विधान बताया गया है जिनसे मनचाहे फल की प्राप्ति संभव है.
एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि रात को हेल्दी नींद के लिए अगर सोते समय गाय का दूध पीया जाए, तो बिना किसी दवाई के नींद आ जाती है.
फूलों के बारें में तो आप जानते ही हैं कि फूलों खूशबू होती है, फूल देवताओं पर चढ़ाया जाता है, फलां फूल फलां भगवान को बेहद प्रिय है, लेकिन फूले के बार में आज हम आपक वह जानकारी देंगे, जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे.
एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए. वहां पर भगवान शिव अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठे थे. उसी समय पार्वती ने पीछे से आकर अपने हाथों से भगवान शिव की आंखों को बंद कर दिया.
प्राचीन भारत की शिक्षा, चिकित्सा, साहित्य, व्यापार और विज्ञान से संबधित एक से बढ़ कर एक झांकी बना यह दर्शा दिया कि भारत हमेशा जगतगुरु रहा है.