क्या सेहतमंद रहना ज़रूरी है? ऐसे तरीकों पर ध्यान दीजिए जिन्हें अपनाने से बीमारी होने का खतरा कम हो सकता है और कई मामलों में तो शायद हमें बीमारी हो ही नहीं.
पूजा के जगहों पर दान-पुण्य करना आम बात है. कई जगहों पर श्रमदान किया जाता है लेकिन कभी आपने सोचा है इसके पीछे क्या कारण हो सकते है?
कई बार होता है कि कम से कम समय में बहुत से काम निपटाने का सोच रहे होते हैं. कई काम कठिनाई और परेशानी भरे होते हैं. कई बार यह भी होता है कि आप कोई काम अच्छा सोच कर करते हैं और उसका बुरा परिणाम हो जाता है.
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो ईश्वर की उपासना में प्रयोग होने वाली हर सामग्री का विशेष धार्मिक महत्व होता है. ईश्वर की उपासना में उपयोग होने वाली सामग्री जैसे, धूप-दीप, प्रसाद और फूल हर चीज का अपना महत्व है और यह पूजा को सफल बनाने में मददगार है.
कई बार ऐसा होता है कि आप जी-जान से अपना काम करते हैं. पूरी मेहनत के साथ अपने काम को अंजाम तक पहुंचाते हैं. अपने काम में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद आपकी तरक्की नहीं हो रही है, तो आज के बाद ऐसा नहीं होगा.
बचपन से ही हम और आप सापों की पूजा देखते आ रहे हैं. खासकर सावन की नागपंचमी के दिन तो लगभग सभी इलाकों में नाग की पूजा आपको आसानी से देखने को मिल जाएगी. लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर इन सांपों का रहस्य क्या है? सापों का आपके सौभाग्य से क्या संबंध है? नागपंचमी के दिन क्यों नाग की पूजा होती है?
रविवार को सूर्य भगवान की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी हो जाती है, इनकी पूजा करना बड़ा ही फलदायी होता है. इनकी उपासना करने से ज्ञान, सुख, स्वास्थ्य, पद, सफलता, प्रसिद्धि आदि की प्राप्ति होती है
रोजाना तुलसी पूजन करना चाहिए, रविवार को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए या रविवार को किस पेड़-पौधे को जल नहीं देना चाहिए. शाम के समय तुलसी के पास दीपक लगाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.
आपको लग सकता है कि आपकी जिंदगी में मौजूद महिला को सबसे अच्छे अनुभव आपके साथ ही हुए हैं. लेकिन हो सकता है आप गलत हों, क्योंकि क्या पता वो अपने उन खास अनुभवों को आपसे छुपा रही हो.
श्रीगणेश पूजा अपने आपमें बहुत ही महत्वपूर्ण व कल्याणकारी है. चाहे वह किसी कार्य की सफलता के लिए हो या फिर चाहे किसी कामनापूर्ति स्त्री, पुत्र, पौत्र, धन, समृद्धि के लिए या फिर अचानक ही किसी संकट मे पड़े हुए दुखों के निवारण होती है.