दिवाली की धूम के बाद आज गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है. गो- वर्धन मतलब गाय की रक्षा, ऐसा जिस पर्वत पर किया जाता था उसका ही नाम गोवर्धन पर्वत पड़ गया.
आज पूरे देश में दिवाली की धूम है. इस खास अवसर पर हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिससे आपकी किस्मत चमक सकती है और इस दिवाली से लेकर अगले साल की दिवाली तक आपके घर में सौभाग्य की वृद्धि होगी.
पाँच दिन का दीवाली उत्सव धनत्रयोदशी के दिन प्रारम्भ होता है और भाई दूज तक चलता है. दीवाली के दौरान अभ्यंग स्नान को चतुर्दशी, अमावस्या और प्रतिपदा के दिन करने की सलाह दी गई है.
पांच दिन के दीपावली पर्व की शुरुआत धन त्रयोदशी से होती है. धनतेरस मूलत: भगवान धन्वंतरि का पर्व है. उन्हें विष्णु रूप माना जाता है. इसलिए इस दिन उनकी पूजा और उन्हें धन्यवाद जरूर करें.
दिवाली आजकल पटाखे फोड़ने और एक दूसरे को गिफ्ट देने का त्यौहार बन गया है. इस त्यौहार और इससे पहले के दिनों के असल महत्व के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं.
शादी की खुशी किसे नहीं होती. एक व्यक्ति ही नहीं पूरा परिवार इसमें शामिल होता है. अगर जीवन के इस बढ़े बदलाव के बाद कोई समस्या आ जाए तो व्यक्ति को बहुत ठेस पहुंचती है.
कर्ज एक ऐसा बोझ है, जो प्रत्यक्ष तो नहीं दिखता लेकिन इसका भार व्यक्ति की कमर तक तोड़ सकता है. कर्ज जब तक चुकता न हो जाए तब तक व्यक्ति को सुकून नहीं मिल पाता.
दिवाली आने वाली है. इस त्यौहार पर लक्ष्मी जी की पूजा करने की मान्यता है. लक्ष्मी धन की देवी हैं, ये सभी जानते हैं लेकिन इस देवी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों से अनजान हैं. यहां तक कि इस देवी की कृपा कैसे प्राप्त कर सकते हैं, इसका भी सही तरीका नहीं जानते हैं.
ईश्वर ने हमारी भलाई की सारी वस्तुएं हमारे आस-पास ही उपलब्ध करा दी है. पर हम उसे पहचान नहीं पाते हैं. प्रकृति की जिन्हें समझ है वो बहुत लाभ में रहते हैं. इसलिए बच्चों को प्रकृति से दूर नहीं करना चाहिए.
दुनिया की खुबसूरती को देखने के लिए भगवान ने हमें दो आंखों का तोहफा दिया है. अगर ये आंखें ना होतीं तो जीवन अंधेरे से भरा होता, नीरस और नरक जैसा हो जाता.