आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है. बबूल के गोंद से कफ और पित्त का नाश होता है. इससे जलन को दूर और घाव को भी भरा जा सकता है. बबूल की गोंद में वजीकारक गुण होता है. पुराने बबूल की छाल अधिक गुणकारी होती है. इसकी छाल निकाल कर उसे छाया में सुखाकर रख लें और आवश्यकता पडऩे पर इसका उपयोग किया जा सकता है.
नई दिल्ली. आयुर्वेद की दृष्टि से देखें तो बबूल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है. बबूल के गोंद से कफ और पित्त का नाश होता है. इससे जलन को दूर और घाव को भी भरा जा सकता है. बबूल की गोंद में वजीकारक गुण होता है. पुराने बबूल की छाल अधिक गुणकारी होती है. इसकी छाल निकाल कर उसे छाया में सुखाकर रख लें और आवश्यकता पडऩे पर इसका उपयोग किया जा सकता है.
इंडिया न्यूज़ के खास शो ‘गुडलक गुरू में अध्यातमिक गुरू पवन सिन्हा आपको बताएंगे कि कैसे बबूल का प्रयोग करने से आप अपनी बीमारियों को दूर भगा सकते हैं ?
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