नई दिल्ली : जब मंदिर नहीं होते थे तब भी भगवान शिव की उपासना होती थी, तब भी शिवलिंग बनाकर उपासना की जाती थी. मोहनजोदड़ो सभ्यता में जो अवशेष मिले हैं, उसमें भी शिवलिंग मिले हैं.
हड़प्पा और मोहनजोदड़ो सभ्यता के समय में भी गले में शिवलिंग पहना जाता था. शिवलिंग की उपासना बहुत ही पहले से की जा रही है. सृष्टी के उद्भव से ही शिव जी की उपासना शिवलिंग के रूप में हो रही है.
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