नई दिल्ली: भगवान शंकर का साक्षात रूप महाराज दत्तात्रेय में मिलता है और तीनो ईश्वरीय शक्तियों से समाहित महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही सफल और जल्दी से फल देने वाली मानी जाती है. वे सर्वव्यापी है और किसी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी से भक्त की सुध लेने वाले भगवान माने जाते हैं.
भगवान दत्तात्रेय का जन्म ब्रह्मा जी के ललाट से हुआ था. ये ऋगवेद के पंचम मण्डल के द्रष्टा भी थे. मान्यता है कि इनका स्मरण करने से यह भक्तों की मदद करते हैं. दत्तात्रेय ईश्वर और रूप दोनों रूप में समाहित हैं. इन्हें गुरू वंश का प्रथम गुरू साधक, योगी और वैज्ञानिक माना जाता है.
दत्तात्रेय ने अग्नि, जल, आकाश और मक्खी, मच्छर को गुरू क्यों बनाया, क्या गूलर के पेड़ में भगवान दत्तात्रेय निवास करते हैं, भगवान के स्वरूप का पूरा रहस्य, दत्तात्रेय के साथ दिखने वाले 4 कुत्ते किसका प्रतीक हैं आपके सवालों के जवाब दे रहे हैं आध्यात्मिक गूरू पवन सिन्हा इंडिया न्यूज का खास कार्यक्रम गुरु पर्व में..