गुरु पर्व: 36वें वर्ष के बाद कैसे भाग्योदय होगा ?

जीवन में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं. लेकिन जीवन का संघंर्ष वास्तविकता है. जीवन में लगातार मोड़ आते रहते हैं और उन मोड़ों के अनुसार घूमना होता है ऐसे में कहीं पर अच्छे तो कहीं पर बुरे परिवर्तन मिलते हैं.

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गुरु पर्व: 36वें वर्ष के बाद कैसे भाग्योदय होगा ?

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  • February 18, 2017 4:58 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: जीवन में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं. लेकिन जीवन का संघंर्ष वास्तविकता है. जीवन में लगातार मोड़ आते रहते हैं और उन मोड़ों के अनुसार घूमना होता है ऐसे में कहीं पर अच्छे तो कहीं पर बुरे परिवर्तन मिलते हैं.
 
 
36वां वर्ष जीवन में एक ऐसा वर्ष होता है जो आपके जिंदगी की धारा को बदलने की चेष्टा करता है. यूं तो कई वर्ष और भी हैं जिससे परिवर्तन आता है. सबकी जिंदगी में 36 से 42 के बीच एक बड़ा मोड़ आता है.
 
 
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क्या आपको पता है 36वें वर्ष के बाद संघंर्ष क्यों शूरू हो जाता है, 36वें वर्ष के बाद कैसे भाग्योदय होगा, इस परिवर्तन के बाद आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा या अवसाद शूरू होगा, आप मालामाल होंगे या कंगाली छाएगी आपके इसी तरह के सवालों के जवाब दे रहे हैं आध्यत्मिक गुरू पवन सिन्हा इंडिया न्यूज के खास कार्यक्रम गुरु पर्व में..  

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