नई दिल्ली: पौष मास को खर मास कहते हैं. इसे मलमास काला महीना भी कहा जाता है. इस महीने का आरंभ 16 दिसम्बर से होता है और मकर संक्रांति को खर मास की समाप्ति होती है. इस माह कोई भी गृहस्थ कर्म, धार्मिक अनुष्ठान और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इसलिए पत्नी को मायके भेज दिया जाता है.
मकर संक्रांति के बाद से सूर्य का प्रताप बढ़ने लगता है. पूरे पौष मास के अन्तर्गत पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य देवता का प्रभाव क्षीण हो जाता है और कभी-कभार ही उनकी तप्त किरणें धरती पर पड़ती हैं.
आखिर क्यों सूर्य का प्रभाव तेज हो जाता है बताएंगे आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा इंडिया न्यूज़ के खास कार्यक्रम गुरु पर्व में.