नई दिल्ली. करवाचौथ का व्रत कार्तिक में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है. करवाचौथ के दिन विवाहित महिलाएं पति की दीर्घ आयु के लिए व्रत करती हैं. विवाहित महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं.
इस दिन संकटी गणेश की पूजा अवश्य की जाती है. करवा चौथ का व्रत कठोर होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है. करवाचौथ से जुड़ी ऐसी ही कई बातें हैं और इसके पीछे की कई कहानियां हैं.
इंडिया न्यूज के खास शो गुरु पर्व में आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा करवाचौथ से जुड़ी पौराणिक कथाओं और इस व्रत के महत्व का बारे में बताएंगे.