नई दिल्ली. गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. पूरे भारत में गणपति उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में जहां 300 करोड़ के गणपति की स्थापना हुई है. पंडालों में ही नहीं घरों में भी गणपति बप्पा पधार चुके हैं.
नारद पुराण में गणेश जी के बारह नामों का उल्लेख हुआ है. उनके ये बारह नाम गणपति के अलग-अलग स्वरुपों की वजह से रखे गए हैं. गणेश पुराण के अनुसार प्रत्येक युग में गणपति के अलग-अलग स्वरुप हैं और अलग- अलग वाहन हैं. सतयुग में बप्पा का वाहन चूहा नहीं बल्कि शेर है. वे दस भुजाओं वाले हैं. सतयुग का इनका नाम है विनायक.
हर युग में गणपति जी अलग रुप में पूजे जाते हैं. हर युग में गणपति के अलग रुपों के अलग नाम हैं. इस युग में गणपति के कौन से रुप की पूजा करते हैं हम और इस युग में गणपति का क्या है नाम जानिए आज के गुरु पर्व में. वीडियो में देखें पूरा शो