गुरु पर्व: कर्णवेध संस्कार सै कैसे मिलेगा सौभाग्य ?

संस्कारों की बात करें तो इसका संबंध पूर्व जन्म से भी है. इन संस्कारों के पालन से आपका और आपके संतान का भाग्य संवर सकता है. गौतम स्मृति में 40 प्रकार के संस्कारों का उल्लेख मिलता है, वहीं व्यास स्मृति और हिन्दू धर्म शास्त्रों में मुख्य रूप से 16 संस्कारों का वर्णन किया गया है.

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गुरु पर्व: कर्णवेध संस्कार सै कैसे मिलेगा सौभाग्य ?

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  • August 13, 2016 1:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. संस्कारों की बात करें तो इसका संबंध पूर्व जन्म से भी है. इन संस्कारों के पालन से आपका और आपके संतान का भाग्य संवर सकता है. गौतम स्मृति में 40 प्रकार के संस्कारों का उल्लेख मिलता है, वहीं व्यास स्मृति और हिन्दू धर्म शास्त्रों में मुख्य रूप से 16 संस्कारों का वर्णन किया गया है.
 
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आज हम आपको 16 संस्कारों में से 9वां संस्कार कर्णवेध (कान छिदवाने) संस्कार की बात करेंगे. आजकल के लोगों का मानना है कि संस्कारों के पालन से उनके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन आप यह नहीं जानते हैं कि कर्णवेध संस्कार से आपकी संतान का सौभाग्य जागृत हो सकता है. 
 
कर्णभेद संस्कार के बारे में विस्तार से जानने के लिए अध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा के साथ देखिए इंडिया न्यूज का खास शो गुरु पर्व.

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