गुरु पर्व: ग्रहण के समय भी क्यों खुला रहता है कालका मंदिर?

दिल्ली के अरावली पर्वत श्रृंखला के सूर्यकूट पर्वत पर मां कालका देवी का सिद्धपीठ है. इस सिद्धपीठ के बारे में मान्यता है कि पांडवों ने महाभारत में विजय प्राप्त करने के लिए यहां अनुष्ठान किया था.

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गुरु पर्व: ग्रहण के समय भी क्यों खुला रहता है कालका मंदिर?

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  • July 29, 2016 4:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. दिल्ली के अरावली पर्वत श्रृंखला के सूर्य कूट पर्वत पर मां कालका देवी का सिद्धपीठ है. इस सिद्धपीठ के बारे में मान्यता है कि पांडवों ने महाभारत में विजय प्राप्त करने के लिए यहां अनुष्ठान किया था.
 
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मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण और युधिष्ठिर ने महाभारत में विजय प्राप्त करने के लिए इस मंदिर में देवी की पूजा की थी. कालका मंदिर को जयंती पीठ और मनोकामना सिद्ध पीठ भी कहा जाता है.
 
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आमतौर पर ग्रहण के समय सभी मंदिर बंद होते हैं, लेकिन कालका मंदिर का दरवाजा उस समय भी भक्तों के लिए खुला रहता है. यह मंदिर ग्रहण के समय भी क्यों खुला रहता है? क्या है इस कालका मंदिर का रहस्य? आपके इन सवालों का जवाब देंगे इंडिया न्यूज के खास शो गुरु पर्व में अध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा.

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