कोई भी प्राणी चाहे वृद्ध हो या युवक चाहे वह बाल ही क्यों न हो. सदा सर्वदा काल के गाल में रहता है. कब किसकी मृत्यु आ जाए यह कोई भी नहीं जानता, न ही कोई किसी भी प्रकार से उस मृत्यु को टाल सकता है. इस बात को हृदय में धारण कर संसार को असत्य जानकर, जो व्यक्ति यह ज्ञान प्राप्त कर लेता है कि अन्तत तो ईश्वर शरणागति के सिवा और कोई चारा नहीं.