नई दिल्ली. शुक्र ग्रह का संबंध सांसारिक सुखों से है. शुक्र को स्त्रियों का प्रतिनिधि माना गया है. शुक्र को रास, रंग, भोग, ऐश्वर्य, आकर्षण तथा लगाव का कारक ग्रह माना जाता है. शुक्र दैत्यों के गुरु हैं और कार्य सिद्धि हेतु साम दाम दण्ड भेद के प्रयोग से भी नहीं चूकते. सौन्दर्य में शुक्र की सहायता के बिना सफलता असंभव है. जन्मकुंडली में शुक्र के उच्च प्रभाव से व्यक्ति आकर्षक, सौन्दर्य, घुंघराले बालों वाला, स्वच्छताप्रिय, रंग-बिरंगे वस्त्र धारण करने का शौकीन होता है.
हर व्यक्ति की भौतिक समृद्धि एवं सुख जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति एवं शक्ति पर निर्भर करता है. अगर जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति सशक्त हो तो जातक को सब प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. इसके विपरीत यदि शुक्र निर्बल हो तो भौतिक अभावों का सामना करना पड़ता है.
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