नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने कहा कि 28 मई को नये संसद भवन का उद्धघाटन किया जाएगा। संसद भवन के उद्धघाटन पर एक सेंगोल रखा जाएगा। यह सेंगोल स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा। अब आप सोच रहे होंगे कि यह सेंगोल क्या होता है। आपको बता दें, सेंगोल को चोल वंश के सत्ता के प्रतीक माना जाता था।
यह परंपरा हमारे देश में आज़ादी के ठीक पहले तक अपनाई गई थी। हमारे देश भारत पर कई सालों तक अंगेज़ों ने शासन किया था। अंग्रेज़ों ने जब आजादी का ऐलान किया तो पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को यह सेंगोल दिया गया था। इसे मौजूदा में इलाहाबाद के एक म्यूजियम में रखा गया है। इस सेंगोल के ऊपर नंदी होगा।
दुनियाभर में कई वंशों ने जगह-जगह शासन किया। इसी में चोल शासन ने साउथ भारत और दुनिया में लंबे समय तक शासन किया था। चोल शासन के राजवंशों ने 300 बीसी से 13वें शताब्दी तक शासन किया। चोल शासन में जब किसी को राजा बनाया जाता था तो उसे यह सेंगोल दिया जाता था। जिसके पास यह सेंगोल होता था वही राज्य का राजा हुआ करता था। यह सोने का बना होता था और इस पर कई बेशकीमती पत्थर जड़े होते थे।
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